Chha Dhala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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विषयोनी इच्छारूप (दावानल) भयंकर अग्निमां (दह्यो) बळी
रह्यो [अने] (मरत) मरती वखते (विलाप करत) रडी रडी
(दुख) दुःखो (सह्यो) सहन कर्यां.
भावार्थ ज्यारे कोई वखत आ प्राणीए अकाम-
निर्जरा करी त्यारे मरीने ते निर्जराना प्रभावथी (भवनत्रिक)
भवनवासी, व्यन्तर अने ज्योतिषी देवोमांथी कोई एकनुं
शरीर धारण कर्युं. त्यां पण अन्य देवोना वैभवो देखी पांचे
इन्द्रिओना विषयोनी इच्छारूप अग्निमां बळी रह्यो. तथा
मंदारमाला करमाई जती देखीने अने शरीर तथा
आभूषणोनी कान्ति क्षीण थती देखीने पोतानुं मरण नजीक
छे एम अवधिज्ञान द्वारा जाणतां ‘‘हाय! हवे आ भोग
मने भोगववाने नहि मळे!’’ एवा विचारथी रो-रो करीने
घणां दुःखो सहन कर्यां. १५.
पहेली ढाळ ][ १९