(राव) राजा छुं, (मेरे) मारां (धन) रूपिया-पैसा वगेरे (गृह)
घर (गोधन) गाय, भेंस आदि (प्रभाव) मोटाई [छे; वळी] (मेरे
सुत) मारां संतान तथा (तिय) मारी स्त्री छे; (मैं) हुं (सबल)
बळवान, (दीन) निर्बळ, (बेरूप) कुरूप, (सुभग) सुंदर, (मूरख)
मूर्ख अने (प्रवीन) चतुर छुं.
छे ते हुं ज छुं, शरीरना कार्य हुं करी शकुं छुं, शरीर स्वस्थ होय
तो मने लाभ थाय, बाह्य अनुकूळ संयोगथी हुं सुखी अने
प्रतिकूळ संयोगथी हुं दुःखी, हुं निर्धन, हुं धनवान, हुं बळवान,
हुं निर्बळ, हुं मनुष्य, हुं कुरूप, हुं सुंदर
ए वगेरे
माने छे ते जीवतत्त्वनी भूल छे.
रागादि प्रगट ये दुःख दैन, तिनहीको सेवत गिनत चैन. ५.
ते पदार्थोना ठीक रहेवाथी के बगडवाथी आत्मानुं तो कांई ठीक थतुं
नथी तेम ज बगडतुं नथी. परंतु मिथ्याद्रष्टि एनाथी उलटुं माने छे.