Chha Dhala-Gujarati (Devanagari transliteration). Gatha: 2 (Dhal 3).

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मोक्षमार्ग तो नथी परंतु मोक्षमार्गनुं निमित्त छे वा सहचारी
छे त्यां तेने उपचारथी मोक्षमार्ग कहीए ते व्यवहार मोक्षमार्ग
छे; कारण के निश्चय-व्यवहारनुं सर्वत्र एवुं ज लक्षण छे
अर्थात् साचुं निरूपण ते निश्चय तथा उपचार निरूपण ते
व्यवहार. माटे निरूपणनी अपेक्षाए बे प्रकारे मोक्षमार्ग
जाणवो. पण एक निश्चयमोक्षमार्ग छे तथा एक व्यवहार-
मोक्षमार्ग छे
एम बे मोक्षमार्ग मानवा मिथ्या छे. (मोक्षमार्ग
प्रकाशक गु. पा. २५३-५४)
निश्चय सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्रनुं स्वरुप
परद्रव्यनतैं भिन्न आपमें रुचि, सम्यक्त्व भला है,
आपरूपको जानपनों सो, सम्यग्ज्ञान कला है;
आपरूपमें लीन रहे थिर, सम्यक्चारित सोई,
अब व्यवहार मोखमग सुनिये, हेतु नियतको होई.
२.
अन्वयार्थ(आपमें) आत्मामां (परद्रव्यनतैं) पर-
वस्तुओथी (भिन्न) भिन्नपणानी (रुचि) श्रद्धा करवी ते (भला)
निश्चय (सम्यक्त्व) सम्यग्दर्शन छे; (आपरूप को) आत्माना
स्वरूपने (परद्रव्यनतैं भिन्न) परथी जुदुं (जानपनों) जाणवुं
५८ ][ छ ढाळा