Chha Dhala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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जीवना भेद-उपभेद
भावार्थजीव (आत्मा) त्रण प्रकारना छे
(१) बहिरात्मा, (२) अन्तरात्मा, (३) परमात्मा. तेमां शरीरने
अने आत्माने एक माने तेने बहिरात्मा कहे छे, तेने अविवेकी
अथवा मिथ्याद्रष्टि पण कहे छे. जे शरीर अने आत्माने पोताना
भेदविज्ञानथी जुदा जुदा माने छे ते अंतरात्मा अर्थात
् सम्यग्द्रष्टि
छे. अंतरात्माना त्रण भेद छेः उत्तम-मध्यम-जघन्य. तेमां
अंतरंग अने बहिरंग ए बन्ने प्रकारना परिग्रहथी रहित
सातमाथी बारमा गुणस्थानमां वर्तता शुद्धउपयोगी अने
आत्मध्यानी दिगम्बर मुनि उत्तम अंतरात्मा छे.
६२ ][ छ ढाळा