Chha Dhala (Hindi). Gatha: 4: sakal pratyakSh gyAnkA lakShan aur gyAnkee mahimA (Dhal 4).

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क्षेत्र, काल और भावकी मर्यादापूर्वक स्पष्ट जानता है ।
सकल-प्रत्यक्ष ज्ञानका लक्षण और ज्ञानकी महिमा
सकल द्रव्यके गुन अनंत, परजाय अनंता
जानै एकै काल, प्रगट केवलि भगवन्ता ।।
ज्ञान समान न आन जगतमें सुख कौ कारन
इहि परमामृत जन्मजरामृति-रोग-निवारन ।।।।
९८ ][ छहढाला