Chha Dhala (Hindi). Gatha: 8: samyaggyAnkee mahimA Aur vishayechchhA rokanekA upAy (Dhal 4).

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सम्यग्ज्ञानकी महिमा और विषयेच्छा रोकनेका उपाय
जे पूरव शिव गये, जाहिं अरु आगे जैहैं
सो सब महिमा ज्ञान-तनी, मुनिनाथ कहै हैं ।।
विषय-चाह दव-दाह, जगत-जन अरनि दझावै
तास उपाय न आन, ज्ञान-घनघान बुझावै ।।।।
अन्वयार्थ :(पूरव) पूर्वकालमें (जे) जो जीव (शिव)
मोक्षमें (गये) गये हैं, [वर्तमानमें ] (जाहिं) जा रहे हैं (अरु) और
(आगे) भविष्यमें (जैहैं) जायेंगे (सो) वह (सब) सब (ज्ञान-तनी)
सम्यग्ज्ञानकी (महिमा) महिमा है–ऐसा (मुनिनाथ) जिनेन्द्रदेवने
कहा है । (विषय-चाह) पाँच इन्द्रियोंके विषयोंकी इच्छारूपी (दव-
चौथी ढाल ][ १०५