Chha Dhala (Hindi).

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मनुष्यपर्यायकी दुर्लभता तथा उसकी सफलताका उपाय,
मरणसमयका कर्तव्य; वैद्य-डॉक्टरके द्वारा मरण हो; तथापि
अहिंसा, शत्रुका सामना करना–न करना; सम्यग्ज्ञान,
सम्यग्ज्ञान होनेका समय और उसकी महिमा, संल्लेखनाकी
विधि और कर्तव्य, ज्ञानके बिना मुक्ति तथा सुखका अभाव,
ज्ञानका फल तथा ज्ञानी-अज्ञानीका कर्मनाश और विषयोंकी
इच्छाको शांत करनेका उपाय–आदिका वर्णन करो ।
७. अचल रहनेवाला ज्ञान, अतिथिसंविभागीका दूसरा नाम, तीन
रोगोंका नाश करनेवाली वस्तु, मिथ्यादृष्टि मुनि, वर्तमानमें
मुक्ति हो सके ऐसा क्षेत्र, व्रतधारीको प्राप्त होनेवाली गति,
प्रयोजनभूत बात, सर्वको जाननेवाला ज्ञान और सर्वोत्तम सुख
देनेवाली वस्तु–इनका नाम बतलाओ ।
८. अमुक शब्द, चरण अथवा पद्यका अर्थ और भावार्थ
बतलाओ । चौथी ढालका सारांश कहो ।
९. अणुव्रत, दिग्व्रत, बारह व्रत, शिक्षाव्रत और देशचारित्रके
सम्बन्धमें जो जानते हो वह समझाओ ।
JDJ
चौथी ढाल ][ १२९