सांसारिक सुखोंकी असारता आदिके कारण बतलाओ ।
निरर्थकता, बारह भावनाओंके चिंतवनसे लाभ, मंत्रादिकी
सार्थकता और निरर्थकता । वैराग्यकी वृद्धिका उपाय,
इन्द्रधनुष्य तथा बिजलीका दृष्टान्त क्या समझाते हैं? लोकका
कर्ता-हर्ता माननेसे हानि, समता न रखनेसे हानि, सांसारिक
सुखका परिणाम और मोक्ष-सुखकी प्राप्तिका समय-आदिका
स्पष्ट वर्णन करो ।