(६) त्रसपर्यायकी दुर्लभता १-२-३-४-५ इन्द्रिय जीव,
तथा शीतसे लोहेका गोला गल जानेको दृष्टांत द्वारा समझाओ ।
(७) बुरे परिणामोंसे प्राप्त होने योग्य गति, ग्रन्थरचयिता,
जीव-कर्म सम्बन्ध, जीवोंकी इच्छित तथा अनिच्छित वस्तु,
नमस्कृत वस्तु, नरक की नदी, नरकमें जानेवाले असुरकुमार,
नारकीका शरीर, निगोदियाका शरीर, निगोदसे निकलकर प्राप्त
होनेवाली पर्यायें, नौ महीनेसे कम समय तक गर्भमें रहनेवाले,
मिथ्यात्वी वैमानिककी भविष्यकालीन पर्याय, माता-पिता रहित
जीव, सर्वाधिक दुःखका स्थान और संक्लेश परिणाम सहित मृत्यु
होनेके कारण प्राप्त होने योग्य गतिका नाम बतलाओ ।
(८) अपनी इच्छानुसार किसी शब्द, चरण अथवा छंदका
अर्थ या भावार्थ कहो । पहली ढालका सारांश समझाओ, गतियोंके
दुःखों पर एक लेख लिखो अथवा कहकर सुनाओ ।
पहली ढाल ][ २९