अध्ययन करके अभ्यासीजन विवेक द्वारा हेय-उपादेय तत्त्वको
बराबर समझ ले।
ट्रस्टके तत्कालीन प्रमुख श्री नवनीतलाल झवेरीको इस ग्रंथ
प्रकाशन करनेका अतीव उत्साह था। इस आवृत्तिके प्रकाशनमें श्री
शाह हिंमतलाल छोटालाल, डॉ. विद्याचंदजी शहा, श्री
मनसुखलाल देसाई, ब्र. हरिलाल जैन तथा श्री कान्तिलाल
हरिलाल शाहने प्रेमपूर्वक सहायता की है, अतः संस्था उन सब
महानुभावोंका आभार मानती है ।
सोनगढ
वीर सं. २४९१
साहित्यप्रकाशनसमिति
श्री दि० जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट,
सोनगढ (सौराष्ट्र)
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