Chha Dhala (Hindi).

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प्रयोजन, दुःख, मोक्षसुखकी अप्राप्ति और संसार-परिभ्रमणके
कारण दर्शाओ ।
(५) मिथ्यादृष्टिका आत्मा, जन्म और मरण, कष्टदायक वस्तु आदि
सम्बन्धी विचार प्रगट करो ।
(६) कुगुरु, कुदेव और मिथ्याचारित्र आदिके दृष्टान्त दो ।
आत्महितरूप धर्मके लिये प्रथम व्यवहार होता है या निश्चय ?
(७) कुगुरु तथा कुधर्मका सेवन और रागादिभाव आदिका फल
बतलाओ । मिथ्यात्व पर एक लेख लिखो । अनेकान्त क्या
है ? राग तो बाधक ही है, तथापि व्यवहार मोक्षमार्गको
अर्थात् (शुभरागको) निश्चयका हेतु क्यों कहा है?
(८) अमुक शब्द, चरण अथवा छन्दका अर्थ और भावार्थ
बतलाओ । दूसरी ढालका सारांश समझाओ ।
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५२ ][ छहढाला