करीने छोडी दे छे. ज्ञेयनो संबंध अस्थिर छे, ज्ञेयपरिणाम पण छूटी
जाय छे; तेथी ज्ञेय, ज्ञेयपरिणाम निज वस्तु नथी. ज्ञेयने अवलंबनारी
शक्तिने धरनारी चेतनावस्तु छे. ज्ञेय (साथे) मळवाथी अशुद्ध थई,
परंतु शक्ति शुद्ध गुप्त छे. जे शुद्ध छे ते रहे छे, अशुद्ध छे ते
रहेतुं नथी, माटे अशुद्ध (तो) उपरनो मळ छे. अने शुद्ध (ते)
स्वरूपनी शक्ति छे. जेम स्फटिक विषे लाल रंग देखाय छे (ते)
स्फटिकनो स्वभाव नथी तेथी मटी जाय छे, स्वभाव (छे ते) जतो
नथी.
प्रतिबिंब छे. कर्मद्रष्टिमां आत्मा परस्वरूप थयेलो भासे छे परंतु
आत्मा पर थतो नथी.
परने पोता(रूप) माने छे परंतु पर ते पोता(रूप) थतुं नथी.
स्वरूपनो महिमा न जाण्यो तोपण स्वरूपनो प्रभाव न गयो.