थतां एक देश संयम नाम पाम्यो.
सकळ पाप छे, तेनो अभाव थयो; पण अशुभभाव एवो गौणतारूप
थई गयो के दुर्गतिना कारणरूप पापबंध थतो नथी. (त्यां) शुभ मुख्य
छे (ने) शुद्ध गौण छे. शुद्ध गौण होवा छतां पण ते मुख्यताने दोरे
छे तेथी मुख्य जेवुं ज काम करे छे. (शुद्ध) गौण होवा छतां पण ते
बलिष्ठ छे.
सातमानुं साधक छठ्ठुं छे. (छठ्ठा गुणस्थाने) क्रिया (अने) उपदेश होय
छे. परंतु विशेष स्थिरताने लीधे [त्यां] सकलविरति संयम नाम पामे
छे.
रसास्वाद मुख्य थयो अने वधता वधता गुणस्थान अनुसार वध्यो.