Chidvilas-Gujarati (Devanagari transliteration).

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चिद्दविलास
तेटली अशुद्धता गई अने स्थिरता चढती गई; त्यां एकदेश स्थिरता
थतां एक देश संयम नाम पाम्यो.
छठ्ठा गुणस्थानमां प्रत्याख्यान (आवरण संबंधी रागादिक)नो
अभाव थयो अने स्थिरता विशेष थई; सकळ आकुळतानुं कारण
सकळ पाप छे, तेनो अभाव थयो; पण अशुभभाव एवो गौणतारूप
थई गयो के दुर्गतिना कारणरूप पापबंध थतो नथी. (त्यां) शुभ मुख्य
छे (ने) शुद्ध गौण छे. शुद्ध गौण होवा छतां पण ते मुख्यताने दोरे
छे तेथी मुख्य जेवुं ज काम करे छे. (शुद्ध) गौण होवा छतां पण ते
बलिष्ठ छे.
छठ्ठावाळाने भेदविज्ञानना विचारमां शुद्धोपयोगरूप सातमुं
(गुणस्थान) जल्दी थाय छे. शुभ उपयोगमां गर्भित शुद्धता छे तेथी
सातमानुं साधक छठ्ठुं छे. (छठ्ठा गुणस्थाने) क्रिया (अने) उपदेश होय
छे. परंतु विशेष स्थिरताने लीधे [त्यां] सकलविरति संयम नाम पामे
छे.
सातमा गुणस्थानथी शरू करीने आगळ आगळ वीतराग
निर्विकल्प समाधि वधती गई, निष्प्रमाद दशा थई, पोताना स्वभावनो
रसास्वाद मुख्य थयो अने वधता वधता गुणस्थान अनुसार वध्यो.