Chidvilas-Gujarati (Devanagari transliteration).

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सामान्य-विशेषरूप वस्तु उपर अनंत नय[ ४१
(१) अर्थपर्याय नैगम, (२) व्यंजनपर्याय नैगम, (३) अर्थ-
व्यंजनपर्याय नैगम.
अर्थपर्याय नैगमना त्रण भेद छे
(१) ज्ञानअर्थपर्याय नैगम, (२) ज्ञेयअर्थपर्यायनैगम,
(३) ज्ञानज्ञेयअर्थपर्याय नैगम.
व्यंजनपर्याय नैगमना छ भेद छेः
(१) शब्दव्यंजनपर्यायनैगम, (२) समभिरूढव्यंजन पर्यायनैगम,
(३) एवंभूतव्यंजनपर्यायनैगम, (४) शब्द समभिरूढव्यंजनपर्याय-
नैगम, (५) शब्दएवंभूतव्यंजनपर्यायनैगम, (६) समभिरूढएवंभूत-
व्यंजनपर्यायनैगम.
अर्थव्यंजनपर्यायनैगमना त्रण प्रकार छे.
(१) शब्द
अर्थव्यंजनपर्यायनैगम, (२) समभिरूढअर्थव्यंजन-
पर्यायनैगम, (३) एवंभूतव्यंजनपर्यायनैगम (ए प्रमाणे पर्यायनैगमना
भेदो जाणवा).
(शुद्ध द्रव्य नैगमनय तेमज अशुद्ध द्रव्य नैगमनयना चार भेद
छे)
(१) शुद्धद्रव्यॠजुसूत्र, (२) शुद्धद्रव्यशब्द, (३) शुद्धद्रव्य-
समभिरूढ, (४) शुद्धद्रव्यएवंभूत.
(१) अशुद्धद्रव्यॠजुसूत्र, (२) अशुद्धद्रव्यशब्द, (३) अशुद्धद्रव्य-
समभिरूढ, (४) अशुद्धद्रव्यएवंभूत.
ए प्रमाणे द्रव्य नैगमना आठ भेदो छे.
[हवे द्रव्यार्थिकनयना दश भेदोनुं वर्णन करे छेः]
१. जुओ आलापपद्धति पृ. ५५ थी ९० अहीं पुद्गलमां ऊतार्या छे,
आलापपद्धतिमां जीवमां उतार्या छे.