आ पुस्तकनी द्वितीय आवृत्ति खपी जवाथी तथा आ पुस्तकनी
मुमुक्षुसमाजमां विशेष मांग होवाथी तेनी आ तृतीय आवृत्ति प्रकाशित करता अमो आनंद अनुभवीए छीए. आशा छे के मुमुक्षु समाज आ पुस्तकना स्वाध्यायथी लाभान्वित थशे.
पूज्य बहेनश्रीनी ७६मी सम्यक्त्वजयंती फागण वद १० वि. सं. २०६४