४६ ]
चिद्दविलास
एक गुणना अनंत शक्ति वडे भेद करवा].
एक द्रव्यना, एक पर्यायना अनंत परिणाम वडे भेद करवा,
एक द्रव्य – एक वस्तु ना अस्ति-विधि वडे अने अविधि-नास्ति
वडे (भेद) करवा;
एक वस्तुना द्रव्य, सत्त्व, (१पदार्थ, गुणी,) पर्यायी; अन्वयी,
अर्थ, नित्य – एवा नाम भेद करवा;
एक जीवना आत्मा, परमात्मा ज्ञानी, सम्यक्त्वी, चारित्री, सुखी,
वीर्यवान, दर्शनी, चिदानंद, चैतन्य, सिद्ध, चित्, दर्शन-ज्ञान-
चारित्र, केवळी, सर्वज्ञ, सर्वदर्शी, सुखी, मतिज्ञानी, श्रुतज्ञानी वडे
(नाम) भेद करवा; ज्ञान, बोध, ज्ञप्ति – एवा (ज्ञानना) नामभेद
करवा;
सम्यक्त्व, आस्तिकाय, श्रद्धान, नियत्, प्रतीति, यत् तत् (जे छे
ते), एतत् (आ) ( – एवा सम्यक्त्वना नामभेद करवा);
चारित्र, आचरण, (स्थिर), विश्राम, समाधि, संयम, समय,
एकांतमग्न, स्थगित, अनुभवन, प्रवर्तन – (एवा चारित्रना –
नामभेद करवा);
सुख, आनंद, रस – स्वाद, भोगतृप्ति, संतोष ( – एवा सुखना
नामभेद करवा); वीर्य, बळ – शक्ति, बळ, उपादान, तेज, ओज
(प्रताप) – (एवा वीर्यना नामभेद करवा).
एक अशुद्धना विकार, विभाव, अशुद्ध, मळ, परभाव, संसार,
आस्रव, रंजभाव, क्षणभंग, भ्रम – (एवा नाम भेद करवा);
– ए प्रमाणे बीजा एक एकना नाम मात्रथी भेद करवा.
एक ज्ञानना मति – श्रुत – अवधि – मनःपर्यय अने केवळ – पर्यायवडे
भेद करवा — ए रीते अन्य (गुणोमां समजवुं); ज्ञान-दर्शन-चारित्र
१. आत्मावलोकन. पृ. २३.