पर्यायरूप भाव, तेने गुणभाव कहीए. पर्यायमां जे परिणमनशक्तिनुं
जे लक्षण छे ते पर्यायनो भाव छे. गुणे गुणनो भाव जुदो जुदो
छे; पर्यायनो वर्तमानभाव अतीतभाव साथे मळतो नथी, अतीत
अनागत साथे, वर्तमान अनागत साथे मळतो नथी (अने) अनागत
वर्तमान (के) अतीत साथे मळतो नथी. जे परिणाम वर्तमान छे
तेनो भाव तेमां ज छे. (आ प्रमाणे पोताना) भावने निष्पन्न
राखवानुं जे सामर्थ्य तेनुं नाम भाववीर्य कहीए.