सूक्ष्मत्व पर्यायनुं कारण छे, पर्यायनुं वीर्य पर्यायनुं कारण छे, पर्यायनुं
प्रदेशत्व पर्यायनुं कारण छे. अथवा,
अने पर्याय (तेनुं) कार्य छे.
परमात्माने अनंत गुणो छे, अनंत शक्ति छे, अनंत गुणोना
अनंताअनंत पर्यायो छे, अनंत चेतना-चिह्नमां अनंत, अनंताअनंत
सप्त भंग सधाय छे. आ वगेरे प्रकारे वस्तुनो अनंत महिमा छे.
ते (महिमाने) कोई क्यां सुधी कहे? माटे जेओ संत छे तेओ
स्वरूपना अनुभव(रूपी) अमृतरस पीने अमर थाओ.