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२२. वागे छे ज्ञानवाजां
वागे छे ज्ञानवाजां गुरुराजना मंदिरिये;
गुरुराजना मंदिरिये, स्वाध्यायमंदिरिये,
वागे छे ज्ञानवाजां, गुरुदेवना मंदिरिये. १.
ज्ञानी गुरुजी बिराज्या, स्वाध्यायमंदिर शोभाव्या;
उपदेश रूडा आप्या, भव्य जीवने उद्धार्या.....
वागे छे ज्ञानवाजां० २.
प्रभु सुवर्णपुरी मांही, अचिंत्य ज्ञान खीलवी;
सूक्ष्म न्यायो प्रकाशी, ज्ञानज्योतिने जगावी....
वागे छे ज्ञानवाजां० ३.
मुखथी छूटे छे ध्वनि, अमृत समी ए वाणी;
सुणतां आनंद थाये, हृदय विकसित थाये....
वागे छे ज्ञानवाजां० ४.
दिव्यध्वनिनो नाद छूट्यो, चारे दिशाए प्रसर्यो;
महिमा करुं शी तेरी? अल्प मति छे मेरी....
वागे छे ज्ञानवाजां० ५.
श्री तीर्थधाम मांही, जयकार नाद गाजे;
अनुभव प्रकाशी आजे, सत् वस्तुने बतावे....
वागे छे ज्ञानवाजां० ६.
शुद्ध ज्ञान ज्ञाता मांही, श्रद्धा प्रतीत करावे;
अकर्तापणुं छे तारुं, ए वातने मलावे...
वागे छे ज्ञानवाजां० ७.
प्रभु सुवर्णपुरी मांही ज्ञानसरिता वहावी;
झणकार गाजे गगने, देवेन्द्रने सुणावे....
वागे छे ज्ञानवाजां० ८.