करुणा अपरंपार छे, अनंत गुण भंडार छे;
तेने वंदन लाखो वार छे, ए प्रभावशाळी आतमा. १०.
सद्गुरु नाविक तुं साचो, उतारुं प्रभु हुं काचो;
मनमंदिरमां कर वासो, ए प्रभावशाळी आतमा. ११.
गुरुदेवने पाये लागुं छुं, अविनयनी माफी मागुं छुं;
सेवा-भक्ति याचुं छुं, ए प्रभावशाळी आतमा. १२.
आत्मलक्ष्मीथी शोभे छे, ज्ञानगुणथी ओपे छे;
मुक्तिना मंडप रोपे छे, ए प्रभावशाळी आतमा. १३.
सत्शास्त्रोनो जाण छे, कुंदवाणी प्रमाण छे;
तेनां वचनो अमृतखाण छे, ए प्रभावशाळी आतमा. १४.
ए भारतनी विभूति छे, सिद्धपदनी समजूती छे;
केवळ करुणामूर्ति छे, ए प्रभावशाळी आतमा. १५.
सद्गुरु बाळब्रह्मचारी छे, अंतरमां अमृत-क्यारी छे;
एना जीवननी बलिहारी छे, ए प्रभावशाळी आतमा. १६.
आत्मज्ञानथी पंकाया, भारतभरमां ओळखाया;
ए सुवर्णपुरीना महाराया, ए प्रभावशाळी आतमा. १७.
विनवे प्रभुने सर्व समाज, शिवपुरीमां राखजो साथ;
अमर तपो तमे हे गुरुराज ! ए प्रभावशाळी आतमा. १८.
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