Ishtopdesh-Gujarati (Devanagari transliteration). Anukramanika.

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विषयानुक्रमणिका
श्लोक विषयपृष्ठ
( 10 )
ग्ूुॅज्ञ्ुॅरि्
विषयानुक्रमणिका
मंगलाचरण (सिद्धात्माने नमस्कार) ------------------------------------------------------- २
२.स्वस्वरुपनी प्राप्ति केवी रीते थाय ---------------------------------------------------------- ४
३.व्रतादिनुं अनुष्ठान निरर्थक नथी. ----------------------------------------------------------- ८
४.मोक्षार्थीने स्वर्गादिनुं सुख पण सुलभ होय छे ------------------------------------------ ११
५.आत्मभक्तिथी स्वर्गनी प्राप्ति थतां, त्यां शुं फळ मळे छे? ------------------------------- १४
६.सांसारिक सुखनी अवास्तविकता --------------------------------------------------------- १७
७.वासनाजन्य सुख-दुःखनी यथार्थ प्रतीति केम थती नथी? -------------------------------- २२
८.शरीरादिने मूढ केवां माने छे? शाथी? --------------------------------------------------- २५
९.हितकारक मनाता स्त्री-पुत्रादिना संयोगनुं द्रष्टांत ---------------------------------------- २८
१०.अहित वर्ग कोपने पात्र नथी तेनुं द्रष्टांत ------------------------------------------------ ३१
११.हित-अहित पदार्थोमां राग-द्वेष करवानुं परिणाम --------------------------------------- ३३
१२.सांसारिक सुखनुं वास्तविक स्वरुप ------------------------------------------------------- ३८
१३.संसारी जीवो शानाथी सुख माने छे? ---------------------------------------------------- ४०
१४.कष्टदायक संपदाने लोको केम छोडता नथी? ---------------------------------------------- ४३
१५.धनार्थी आगामी आपदाने देखतो नथी --------------------------------------------------४५
१६.जेनाथी पुण्योपार्जन थाय ते धन निंद्य केम होइ शके? ---------------------------------- ४७
१७.भोगोपभोगने माटे पण धननी साधना प्रशस्य नथी ------------------------------------ ५१
१८.कायसंबंधी विचार ----------------------------------------------------------------------- ५६
१९.धनादिथी शुं आत्म-उपकार थइ शकशे? ------------------------------------------------- ५८
२०.ध्यानथी सांसारिक सुखनी अने मोक्ष-सुखनी
प्राप्त थती होय तो विवेकी कोनी पसंदगी करशे? ----------------------------------------- ६१
२१.आत्मानुं स्वरुप -------------------------------------------------------------------------- ६३
२२.आत्मानी उपासना केवी रीते करवी? ---------------------------------------------------- ६८
२३.आत्मानी उपासनानुं प्रयोजन शुं? ------------------------------------------------------- ७२
२४.आत्मामां लीन ज्ञानीने शुं लाभ थाय छे? ----------------------------------------------- ७४
२५.ध्यान-ध्येयरुप आत्माने संयोगादिना संबंधनो अभाव छे ------------------------------- ८०
२६.बंध-मोक्षनुं कारण ------------------------------------------------------------------------ ८४
२७.निर्ममत्वभावना चिंतवननो उपाय ---------------------------------------------------- ८८
२८.दुःखना कारणभूत देहादिना परित्यागनो निर्देश ----------------------------------------- ९०