७६ प्र. जीवना प्रतिजीवी गुण क्या क्या छे ?
उ. अव्याबाध, अवगाह, अगुरुलघु, सूक्ष्मत्व,
नास्तित्व इत्यादि
७७ प्र. चेतना कोने कहे छे ?
उ. जे शक्तिना कारणे पदार्थोनो प्रतिभास थाय, तेने
चेतना कहे छे.
७८ प्र. चेतनाना केटला भेद छे ?
उ. बे छेः – दर्शनचेतना अने ज्ञानचेतना.
७९ प्र. दर्शनचेतना कोने कहे छे ?
उ. जेमां महासत्तानो (सामान्यनो) प्रतिभास
(निराकार झलक) होय, तेने दर्शनचेतना कहे छे.
८० प्र. महासत्ता कोने कहे छे ?
उ. समस्त पदार्थोना अस्तित्व गुणने ग्रहण
करवावाळी सत्ताने महासत्ता कहे छे.
८१ प्र. ज्ञानचेतना कोने कहे छे ?
उ. अवान्तरसत्ताविशिष्ट विशेषपदार्थने विषय
करवावाळी चेतनाने ज्ञानचेतना कहे छे.
८२ प्र. अवांतरसत्ता कोने कहे छे ?
उ. कोई पण विवक्षित पदार्थनी सत्ताने अवांतर
सत्ता कहे छे.
८३ प्र. दर्शनचेतनाना केटला भेद छे ?
उ. चार छेः – चक्षुदर्शन, अचक्षुदर्शन, अवधिदर्शन
अने केवळदर्शन.
८४ प्र. ज्ञानचेतनाना केटला भेद छे ?
उ. पांच छेः – मतिज्ञान, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान,
मनःपर्ययज्ञान अने केवळज्ञान.
८५ प्र. मतिज्ञान कोने कहे छे ?
उ. इन्द्रिय अने मननी सहायताथी जे ज्ञान थाय,
तेने मतिज्ञान कहे छे.
८६ प्र. मतिज्ञानना केटला भेद छे ?
उ. बे छेः – सांव्यवहारिकप्रत्यक्ष अने परोक्ष.
८७ प्र. परोक्ष मतिज्ञानना केटला भेद छे ?
उ. चार छेः – स्मृति, प्रत्यभिज्ञान, तर्क, अने
अनुमान.
१८ ][ अध्यायः १श्री जैन सिद्धांत प्रवेशिका ][ १९