२४९ प्र. क्रोडाक्रोडी कोने कहे छे?
उ. एक करोड ने एक करोडे गुणवाथी जे संख्या
थाय, तेने एक क्रोडाक्रोडी कहे छे.
२५० प्र. सागर कोने कहे छे?
उ. दश क्रोडाक्रोडी अद्धापल्योनो एक सागर थाय छे.
२५१ प्र. अद्धापल्य कोने कहे छे?
उ. बे हजार कोश ऊंडो अने बे हजार कोश
पहोळा एवा गोळ खाडामां, जेनो कातरथी बीजो भाग न
थई शके एवा घेटांना वाळोने भरवा. पछी जेटला वाळ
तेमां समाय, तेमांथी एक एक वाळ सो – सो वर्षे बहार
काढवो; जेटला वर्षोमां ते सर्वे वाळ नीकळी जाय तेटला
वर्षोना जेटला समय थाय तेने व्यवहारपल्य कहे छे.
व्यवहारपल्यथी असंख्यातगुणो उद्धारपल्य थाय छे अने
उद्धारपल्यथी असंख्यातगुणो अद्धापल्य थाय छे.
२५२ प्र. मुहूर्त कोने कहे छे?
उ. अडतालीस (४८) मिनिटनो एक मुहूर्त थाय
छे.
२५३ प्र. अंतर्मुहूर्त कोने कहे छे?
उ. आवलीथी उपर अने मुहूर्तथी नीचेना काळने
अन्तर्मुहूर्त कहे छे.
२५४. प्र. आवली कोने कहे छे?
उ. एक श्वासमां संख्यात आवली थाय छे.
२५५ प्र. श्वासोच्छ्वास काळ कोने कहे छे?
उ. नीरोगी पुरुषनी नाडीना एकवार चालवाने
श्वासोच्छ्वास काळ कहे छे.
२५६ प्र. एक मुहूर्तमां केटला श्वासोच्छ्वास थाय छे?
उ. एक मुहूर्तमां त्रण हजार सातसो तोंतेर
(३७७३) श्वासोच्छ्वास थाय छे.
२५७ प्र. अनुभागबंध कोने कहे छे?
उ. फळ देवानी शक्तिनी हीनाधिकताने
अनुभागबंध कहे छे.
२५८ प्र. प्रदेशबंध कोने कहे छे?
उ. बंध थवावाळा कर्मोनी संख्याना निर्णयने
प्रदेशबंध कहे छे.
५८ ][ अध्यायः २श्री जैन सिद्धांत प्रवेशिका ][ ५९