परिमाण नीकळे छे. जेमके – २०० – ४०० – ८०० – १६०० –
३२००.
२८४ प्र. प्रत्येक गुणहानिमां प्रथमादि समयोमां
द्रव्यनुं परिमाण केवी रीते होय छे?
उ. निषेकहारने चयथी गुणवाथी प्रत्येक गुणहानिना
प्रथम समयना द्रव्य नीकळे छे, अने प्रथम समयना
द्रव्यमांथी एक एक चय बाद करवाथी उत्तरोत्तर समयोना
द्रव्योनुं परिमाण नीकळे छे. जेमके – निषेकहार १६ ने चय
३२ थी गुणवाथी प्रथम गुणहानिना प्रथम समयना द्रव्य
५१२ थाय छे. अने ५१२ मांथी एक एक चय अथवा
बत्रीश बत्रीश बाद करवाथी बीजा समयना द्रव्योनुं
परिमाण ४८०, त्रीजा समयना द्रव्योनुं परिमाण ४४८,
चोथा समयना द्रव्योनुं परिमाण ४१६, पांचमां समयना
द्रव्योनुं परिमाण ३८४, छठ्ठा समयना द्रव्योनुं परिमाण
३५२, सातमां समयना द्रव्योनुं परिमाण ३२० अने
आठमां समयनां द्रव्योनां परिमाण २८८ नीकळे छे. एवी
रीते द्वितीयादिक गुणहानिओमां पण प्रथमादि समयोना
द्रव्योनुं परिमाण काढी लेवुं.
२८५ प्र. निषेकहार कोने कहे छे?
उ. गुणहानिआयामथी बमणा परिमाणने
निषेकहार कहे छे. जेमकेः – गुणहानि आयाम ८ थी
बमणा १६ ने निषेकहार कहे छे.
२८६ प्र. चय कोने कहे छे?
उ. श्रेणी व्यवहार गणितमां समान हानि अथवा
समान वृद्धिना परिमाणने चय कहे छे.
२८७ प्र. आ प्रकरणमां चयनुं परिमाण काढवानी
कई रीत छे?
उ. निषेकहारमां एक अधिक गुणहानि आयामनुं
प्रमाण जोडीने अर्धा करवाथी जे लब्ध आवे, तेने
गुणहानिआयामथी गुण्या करवी, एवी रीते गुणवाथी जे
गुणनफळ (गुणाकार) थाय. तेनो भाग विवक्षित
गुणहानिना द्रव्यमां उमेरवाथी विवक्षित गुणहानिना चयनुं
परिमाण नीकळे छे.
जेमके – निषेकहार १६मां एक अधिक गुणहानि
आयाम ९ उमेरवाथी २५ थया. पचीशना अर्धा १२।। ने
६६ ][ अध्यायः २श्री जैन सिद्धांत प्रवेशिका ][ ६७