७ प्र. अस्तित्वगुण कोने कहे छे ?
उ. जे शक्तिना कारणे द्रव्यनो कदी नाश न थाय,
तेने अस्तित्वगुण कहे छे.
८ प्र. वस्तुत्वगुण कोने कहे छे ?
उ. जे शक्तिना कारणथी द्रव्यमां अर्थक्रिया होय; तेने
वस्तुत्वगुण कहे छे; जेमके घडानी अर्थक्रिया जलधारण छे.
९ प्र. द्रव्यत्वगुण कोने कहे छे ?
उ. जे शक्तिना कारणथी द्रव्य सदा एक सरखां न
रहे अने जेनी पर्यायो (हालतो) हमेशां बदलाती रहे.
१० प्र. प्रमेयत्वगुण कोने कहे छे ?
उ. जे शक्तिना कारणथी द्रव्य कोईने कोई ज्ञाननो
विषय होय, तेने प्रमेयत्वगुण कहे छे.
११ प्र. अगुरुलघुत्वगुण कोने कहे छे ?
उ. जे शक्तिना कारणथी द्रव्यनी द्रव्यता कायम रहे,
अर्थात् एक द्रव्य बीजा द्रव्यरूपे न परिणमे अथवा एक
गुण बीजा गुणरूपे न परिणमे तथा एक द्रव्यना अनेक
अथवा अनन्तगुण विखराईने जुदा जुदा न थई जाय, तेने
अगुरुलघुत्वगुण कहे छे.
१२ प्र. प्रदेशत्वगुण कोने कहे छे ?
उ. जे शक्तिना कारणथी द्रव्यनो कोईपण आकार
अवश्य होय.
१३ प्र. द्रव्यना केटला भेद छे ?
उ. छ भेद छेः – जीव, पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश
अने काळ.
१४ प्र. जीवद्रव्य कोने कहे छे ?
उ. जेमां चेतना गुण प्राप्त होय, तेने जीवद्रव्य कहे छे.
१५ प्र. पुद्गलद्रव्य कोने कहे छे ?
उ. जेमां स्पर्श, रस, गंध अने वर्ण होय.
१६ प्र. पुद्गल द्रव्यना केटला भेद छे ?
उ. बे भेद छेः – एक परमाणु, बीजो स्कंध.
१७ प्र. परमाणु कोने कहे छे ?
उ. सर्वथी नाना पुद्गलने परमाणु कहे छे.
४ ][ अध्यायः १श्री जैन सिद्धांत प्रवेशिका ][ ५