स्वद्रव्य
केवळ व्यवहारावलंबी जैनाभासोनुं
परीक्षारहित आज्ञानुसारी धर्मधारक
गुरुभकितनुं अन्यथारूप ........................ २२७
शास्त्रभकितनुं अन्यथापणुं ...................... २२८
तत्त्वार्थश्रद्धाननुं अयथार्थपणुं ................... २२८
जीव-अजीवतत्त्वनुं अन्यथारूप ................. २२९
जीवाजीवतत्त्वना श्रद्धाननी अयथार्थता....... २२९
आस्रवतत्त्वना श्रद्धाननी अयथार्थता ......... २३०
बंधतत्त्वनुं अन्यथारूप .......................... २३२
संवरतत्त्वनुं अन्यथारूप ......................... २३२
निर्जरातत्त्वनां श्रद्धाननी अयथार्थता ......... २३४
मोक्षतत्त्वना श्रद्धाननी अयथार्थता ............ २३७
सम्यक्चारित्र अर्थे थती प्रवृत्तिमां
द्रव्यलिंगीना अभिप्रायनुं अयथार्थपणुं ....... २५१
उभयाभासी मिथ्याद्रष्टि ........................ २५४
सम्यक्त्वसन्मुख मिथ्याद्रष्टिनुं निरूपण ...... २६४
पांच लब्धिओनुं स्वरूप ........................ २६७
प्रथमानुयोगनुं प्रयोजन ......................... २७४
करणानुयोगनुं प्रयोजन ......................... २७५
चरणानुयोगनुं प्रयोजन ......................... २७६
द्रव्यानुयोगनुं प्रयोजन .......................... २७७
प्रथमानुयोगमां व्याख्याननुं विधान........... २७७
करणानुयोगमां व्याख्याननुं विधान ........... २८०
चरणानुयोगमां व्याख्याननुं विधान .......... २८३
द्रव्यानुयोगमां व्याख्याननुं विधान ............ २८८
चारे अनुयोगोमां व्याख्याननी पद्धति ....... २९१
व्याकरण, न्याय, छंद, कोष, वैद्यक, ज्योतिष
करणानुयोगमां दोषकल्पनानुं निराकरण ..... २९४
चरणानुयोगमां दोष