दर्शाव्युं ते तेम ज छे के नहि? तथा सिद्ध अवस्था प्राप्त थतां ज सुख थाय छे के नहि?
तेनो पण विचार कर! जो उपर कह्या प्रमाणे ज तने प्रतीति आवती होय तो
संसारथी छूटी सिद्ध अवस्था पामवाना अमे जे उपाय कहीए छीए ते कर. विलंब
न कर. ए उपाय करतां तारुं कल्याण ज थशे.
ए प्रमाणे श्री मोक्षमार्गप्रकाशक शास्त्र विषे संसारदुःख अने
मोक्षसुख निरूपक त्रीजो अधिकार समाप्त
त्रीजो अधिकारः संसारदुःख अने मोक्षसुख निरूपण ][ ७७