Natak Samaysar (Gujarati).

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૪૨૬ સમયસાર નાટક
પદ્ય
પૃષ્ઠ
પદ્ય
પૃષ્ઠ
इह विधि जो परभावविष
३४९ एकादस प्रतिमा दसा
३९०
इहि विधि आतम ग्यान हित
३३२ एकादस वेदनीकी चारितमोहकी
३९६
इहि विधि जे जागे पुरुष
१३९ ए जगवासी यह जगत्
२०२
इहि विधि जे पूरन भये
२४० एतेपर बहुरौं सुगुरु
१३८
इहि विधि जो विपरीत पख
२७७
इहि विधि बोध–वचनिका फैली
४१७ ऐते संकट मुनि सहै
३९५
इहि विधि वस्तु व्यवस्था जानै
२०९ ऐसी महिमा ग्यानकी
२७८
इहि विधि वस्तु व्यवस्था जैसी
२३३ ऐसे मूढ़ कुकवि कुधी
४१४
उत्तम पुरुषकी दसा ज्यौं
१८४ ओरा घोरबरा निसिभोजन
३८४
उपजैं विनसै थिर रहै
२२५
अं
उपसम छायककी दसा
३८१ अंतर–द्रष्टि–लखाऊ
१०१
उपसमी समकिती कै तौ सादि
३७३ अंतर्मुहूरत द्वै घरी
३९१
ऊंचे ऊंचे गढ़के कंगूरे
४६ कबहूं नाटक रस सुनैं
४१८
कबहू सुमति व्है कुमतिकौ
११
एई छहौं दर्व इनहीकौ है
२२६ करता करम क्रिया करै
७२
एक करम करतव्यता
७२ करता किरिया करमकौ
९५
एक कोडि पूरव गनि लीजै
३९१ करता दरवित करमकौ
२५३
एक जीव वस्तुके अनेक
२६३ करता परिनामी दरब
७१
एक देखिये जानिये
४० करता याकौ कौन है
२५३
एक परजाइ एक समैमैं विनसि
२५८ करनीकी धरनीमैं महामोह राजा
२९०
एक परिनामके न करता दरब
७३ करनी हित हरनी सदा
२९०
एकमैं अनेक है अनेकहीमैं
२६५ करम अवस्थामें असुद्धसौ
३५८
एकरूप आतम दरब
३९
करम करै फल भोगवै
२७०
एकरूप कोऊ कहै
३१३ करमके चक्रमेमैं फिरत जगवासी
११७
एक वस्तु जैसी जु है
२५२ करमके भारी समुझैं न गुनकौ
२३७