Natak Samaysar (Gujarati).

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૪૨૮ સમયસાર નાટક
પદ્ય
પૃષ્ઠ
પદ્ય
પૃષ્ઠ
कोऊ दुरबुद्धि कहै पहले न हुतौ
३३७ ग्यानकौ कारन ज्ञेय आतमा
३१८
कोऊ पक्षपाती जीव कहै
३२८ ग्यानकौ सहज ज्ञेयाकर रूप
२६८
कोऊ पसु ग्यानकी अनंत विचित्राई ३२१ ग्यान गरब मति मंदता
३७७
कोऊ बालबुद्धी कहै
३३१ ग्यानचक्र मम लोक
१६२
कोऊ बुद्धिवंत नर निरखै शरीर
३५
ग्यान चेतनाके जगे
२८६
कोऊ भाग्यवान कहै
३५६ ग्यानद्रिष्टि जिन्हके घट अंतर
३५०
कोऊ महामूरख कहत एक पिंड
३२९ ग्यानधर्म अविचल सदा
२७८
कोऊ मिथ्यामती लोकालोक
३२० ग्यान बोध अवगम मनन
२३
कोऊ मूढ़ कहै जैसै प्रथम सवांरी
३१९ ग्यानभान भासत प्रवान
२८८
कोऊ मूरख यौं कहैं
२७६ ग्यान–भाव ग्यानी करै
८०
कोऊ मंद कहै धर्म–अधर्म
३२४ ग्यान मिथ्यात न एक
९१
कोऊ सठ कहै जेतौ ज्ञेयरूप
३२४ ग्यानवंत अपनी कथा
२८७
कोऊ सिष्य कहै गुरु पांही
९७ ग्यानवंतकौ भोग निरजरा–हेतु है
८२
कोऊ सिष्य कहै स्वामी
१०२ ग्यान सकति वैराग्य बल
१५६
कोऊ सिष्य कहै स्वामी राग–द्वेष
२७५ ग्यान सरूपी आतमा
८०
कोऊ सुनवादी कहै ज्ञेयके
३२५ ग्यानावरनीकै गयैं जानियै जु है
२४१
ग्यानी ग्यानमगन रहै
१५२
खांडो कहिये कनककौ
५९
ग्यानी भेदग्यानसौं विलेछि
२०९
खं विहाय अंबर गगन
२० ग्यायक भाव जहां तहां
२८५
ख्याति लाभ पूजा मन आनै
४१३ ग्रंथ उकत पथ उथपि जो
३७०
ग्रंथ रचै चरचै सुभ पंथ
१३५
गुन परजैमैं द्रिष्टि न दीजै
३०१ गं्रीषममैं धूपथित सीतमैं अकंप
३९४
गुन विचार सिंगार
३०८
गुरु उपदेश कहा करै
३४३ घट घट अंतर जिन बसै
४१९
ग्यान उदै जिन्हके घट अंतर
१४५ घटमैं है प्रमाद जब ताई
२३४
ग्यानकला घटघट बसै
१४६
ग्यानकला जिनके घट जागी
१५६ चलै निरखि भाखै उचित
३९३
ग्यानकौ उजागर सहज सुखसागर ५
चाकसौ फिरत जाकौ संसार
३५०