Niyamsar-Gujarati (Devanagari transliteration).

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नियमसार
[ भगवानश्रीकुंदकुंद-

रत्नत्रयस्वरूपाख्यानमेतत

भेदोपचाररत्नत्रयमपि तावद् विपरीताभिनिवेशविवर्जितश्रद्धानरूपं भगवतां सिद्धि- परंपराहेतुभूतानां पंचपरमेष्ठिनां चलमलिनागाढविवर्जितसमुपजनितनिश्चलभक्ति युक्त त्वमेव विपरीते हरिहिरण्यगर्भादिप्रणीते पदार्थसार्थे ह्यभिनिवेशाभाव इत्यर्थः संज्ञानमपि च संशयविमोहविभ्रमविवर्जितमेव तत्र संशयः तावत् जिनो वा शिवो वा देव इति विमोहः शाक्यादिप्रोक्ते वस्तुनि निश्चयः विभ्रमो ह्यज्ञानत्वमेव पापक्रियानिवृत्तिपरिणामश्चारित्रम् इति भेदोपचाररत्नत्रयपरिणतिः तत्र जिनप्रणीतहेयोपादेयतत्त्वपरिच्छित्तिरेव सम्यग्ज्ञानम् अस्य सम्यक्त्वपरिणामस्य बाह्यसहकारिकारणं वीतरागसर्वज्ञमुखकमलविनिर्गतसमस्तवस्तु- प्रतिपादनसमर्थद्रव्यश्रुतमेव तत्त्वज्ञानमिति ये मुमुक्षवः तेऽप्युपचारतः पदार्थनिर्णयहेतुत्वात


सम्यग्ज्ञान [विद्यते] होय छे, [चरणम्] चारित्र (पण) [भवति] होय छे; [तस्मात्] तेथी [व्यवहारनिश्चयेन तु] हुं व्यवहार अने निश्चयथी [चरणं प्रवक्ष्यामि] चारित्र कहीश.

[व्यवहारनयचरित्रे] व्यवहारनयना चारित्रमां [व्यवहारनयस्य] व्यवहारनयनुं [तपश्चरणम्] तपश्चरण [भवति] होय छे; [निश्चयनयचारित्रे] निश्चयनयना चारित्रमां [निश्चयतः] निश्चयथी [तपश्चरणम्] तपश्चरण [भवति] होय छे.

टीकाःआ, रत्नत्रयना स्वरूपनुं कथन छे.

प्रथम, भेदोपचार-रत्नत्रय आ प्रमाणे छेःविपरीत अभिनिवेश रहित श्रद्धानरूप एवुं जे सिद्धिना परंपराहेतुभूत भगवंत पंचपरमेष्ठी प्रत्येनुं चळता-मलिनता- अगाढता रहित ऊपजेलुं निश्चळ भक्तियुक्तपणुं ते ज सम्यक्त्व छे. विष्णुब्रह्मादिकथित विपरीत पदार्थसमूह प्रत्येना अभिनिवेशनो अभाव ते ज सम्यक्त्व छेएवो अर्थ छे. संशय, विमोह ने विभ्रम रहित (ज्ञान) ते ज सम्यग्ज्ञान छे. त्यां, जिन देव हशे के शिव देव हशे (एवो शंकारूपभाव) ते संशय छे; शाक्यादिकथित वस्तुमां निश्चय (अर्थात् बुद्धादिए कहेला पदार्थनो निर्णय) ते विमोह छे; अज्ञानपणुं (अर्थात् वस्तु शुं छे ते संबंधी अजाणपणुं) ते ज विभ्रम छे. पापक्रियाथी निवृत्तिरूप परिणाम ते चारित्र छे. आम भेदोपचार-रत्नत्रयपरिणति छे. तेमां, जिनप्रणीत हेय-उपादेय तत्त्वोनुं ज्ञान ते ज सम्यग्ज्ञान छे. आ सम्यक्त्वपरिणामनुं बाह्य सहकारी कारण वीतराग-सर्वज्ञना मुखकमळमांथी नीकळेलुं समस्त वस्तुना प्रतिपादनमां समर्थ एवुं द्रव्यश्रुतरूप तत्त्वज्ञान ज छे. जे मुमुक्षुओ छे तेमने पण उपचारथी पदार्थनिर्णयना हेतुपणाने लीधे

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