लोभी जीवोना उद्धार अर्थे दानोपदेशनी प्रतिज्ञा ................................... ४ .................... १०१
सत्पात्रदान मोहनो नाश करीने मनुष्यने सद्गृहस्थ बनावे छे ................ ५-६ ................. १०१
धननी सफळता दानमां छे ................................................................ ७ .................... १०२
सत्पात्रदानथी द्रव्य वडना बीज समान वधे ज छे ................................ ८ .................... १०३
भक्तिथी आपवामां आवेलुं दान दाता अने पात्र बन्नेने
माटे हितकर थाय छे............................................................... ९ .................... १०३
सत्पात्रदान विना गृहस्थ जीवन निष्फळ छे ......................................... १७ ...................१०६
दान विना वैभवनी निष्फळतानां उदाहरण ........................................... १८ .................. १०७
दान वशीकरण मंत्र समान छे .......................................................... १९ .................. १०७
दानजनित पुण्यनी राज्य लक्ष्मी साथे तुलना ....................................... २० .................. १०७
दान विना मनुष्यभवनी विफळता ....................................................... २१-२२............. १०८
दान रहित वैभवनी अपेक्षाए तो निर्धनता ज श्रेष्ठ छे ......................... २३ .................. १०९
दान विना गृहस्थाश्रमनी व्यर्थता ....................................................... २४-२५............. १०९
सत्पात्रदान परलोकयात्रामां नाश्ता समान छे ....................................... २६ .................. ११०
दाननो संकल्प मात्र पण पुण्यवर्धक छे ............................................... २७ .................. ११०
पात्र आवतां दानादिथी तेनुं सन्मान न करवुं ए अशिष्टता छे ............... २८ .................. ११०
दान विनानो दिवस पुत्रना मृत्युदिनथी पण खराब छे .......................... २९ .................. १११
धर्मना निमित्ते थता सर्व विकल्पो दानथी ज सफळ थाय छे................... ३० .................. १११
दान विना पण पोताने दानी तरीके प्रगट करनार महान
दुःखनुं पात्र थाय छे ............................................................... ३१ .................. ११२
दाननी अनुमोदनाथी मिथ्याद्रष्टि पशु पण उत्तम भोगभूमि प्राप्त करे छे . ३३ .................. ११३
दानरहित मनुष्यना अविवेकनुं उदाहरण .............................................. ३४-३६ ......११३-११४
जे धन दानना उपयोगमां आवे छे ते ज धन वास्तवमां पोतानुं छे ....... ३७ .................. ११५
धननो क्षय पुण्यना क्षयथी थाय छे, नहि के दानथी ............................. ३८ .................. ११५
लोभ बधा ज उत्तम गुणोनो घातक छे .............................................. ३९ .................. ११५