Panch Stotra-Gujarati (Devanagari transliteration). Kalyanmandir Aparnam Shree Parshvanath Stotra.

< Previous Page   Next Page >


Page 28 of 105
PDF/HTML Page 36 of 113

 

background image
श्री पार्श्वनाथाय नमः ।
कल्याणमंदिर अपरनाम श्री पार्श्वनाथ स्तोत्र
अर्थसहित
तार्किकचक्रचूडामणि श्री कुमुदचन्द्राचार्य
अपरनाम श्री सिद्धसेन दिवाकर विरचित
(वसंततिलिका)
कल्याणमन्दिर मुदारमवद्यभेदि
भीताभयप्रदमनिन्दितमङ्घ्रिपद्मम्
संसारसागरनिमज्जदशेषजंतु
पोतायमानमभिनम्य जिनेश्वरस्य ।।।।
यस्य स्वयं सुरगुरुर्गरिमाम्बुराशेः
स्तोत्रं सुविस्तृतमतिर्न विभुर्विधातुम्
तीर्थेश्वरस्य कमठस्मयधूमकेतो
स्तस्याहमेष किल संस्तवनं करिष्ये ।।।। युग्मम् ।।
(मंदाक्रांता)
कल्याणोना महान वळी जे पापभेदी उदार;
ते भीतोने अभयप्रद जे जे अनिन्दित सार;
जन्माब्धिमां डुबत सघळा जंतुने नाव छे जे,
जिनेंदाना चरणकमळो एहवा वंदीने ते. १.
जेना मोटा महिमजलधि केरूं सुस्तोत्र अत्र,
सुमेधावी सुरगुरु स्वयं गुंथवा नांहि शक्त,
जे तीर्थेशा कमठमदने धूमकेतु जगीश,
एवा तेनुं स्तवन वर आ निश्चये हुं करीश. (युग्म)