Panchastikay Sangrah-Gujarati (Devanagari transliteration).

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कहानजैनशास्त्रमाळा ]
षड्द्रव्य-पंचास्तिकायवर्णन
१२३

एकेन प्रदेशेन द्वयादिप्रदेशाभावादात्मादिनात्ममध्येनात्मान्तेन न सावकाशः एकेन प्रदेशेन स्कन्धानां भेदनिमित्तत्वात् स्कन्धानां भेत्ता एकेन प्रदेशेन स्कन्धसङ्घात- निमित्तत्वात्स्कन्धानां कर्ता एकेन प्रदेशेनैकाकाशप्रदेशातिवर्तितद्गतिपरिणामापन्नेन समयलक्षणकालविभागकरणात् कालस्य प्रविभक्ता एकेन प्रदेशेन तत्सूत्रितद्वयादि- भेदपूर्विकायाः स्कंधेषु द्रव्यसंख्यायाः, एकेन प्रदेशेन तदवच्छिन्नैकाकाशप्रदेश-


अनवकाश नथी; ते खरेखर एक प्रदेश वडे (तेनामां) द्वि-आदि प्रदेशोनो अभाव होवाथी, पोते ज आदि, पोते ज मध्य अने पोते ज अंत होवाने लीधे (अर्थात् निरंश होवाने लीधे), सावकाश नथी; ते खरेखर एक प्रदेश वडे स्कंधोना भेदनुं निमित्त होवाथी (अर्थात् स्कंधना वीखरावानुंतूटवानुं निमित्त होवाथी) स्कंधोनो तोडनार छे; ते खरेखर एक प्रदेश वडे स्कंधना संघातनुं निमित्त होवाथी (अर्थात् स्कंधना मळवानुं रचावानुं निमित्त होवाथी) स्कंधोनो करनार छे; ते खरेखर एक प्रदेश वडेके जे एक आकाशप्रदेशने अतिक्रमनारा (ओळंगनारा) तेना गतिपरिणामने पामे छे तेना वडे ‘समय’ नामनो काळनो विभाग करतो होवाथी काळनो विभागनार छे; ते खरेखर एक प्रदेश वडे संख्यानो पण विभागनार छे, कारण के () ते एक प्रदेश वडे तेनाथी रचाता बे वगेरे भेदोथी मांडीने (त्रण अणु, चार अणु, असंख्य अणु इत्यादि) द्रव्यसंख्याना विभाग स्कंधोने विषे करे छे, () ते एक प्रदेश वडे तेना जेटली मर्यादावाळा एक ‘आकाशप्रदेश’थी मांडीने (बे आकाशप्रदेश, त्रण आकाशप्रदेश, असंख्य आकाशप्रदेश इत्यादि) क्षेत्रसंख्याना विभाग करे छे, () ते एक प्रदेश वडे, एक

१. विभागनार = विभाग करनार; मापनार. [स्कंधोने विषे द्रव्यसंख्यानुं माप (अर्थात् तेओ केटला अणुओनापरमाणुओना बनेला छे एवुं माप) करवामां अणुओनीपरमाणुओनी अपेक्षा आवे छे, एटले के तेवुं माप परमाणु द्वारा थाय छे. क्षेत्रना मापनो एकम ‘आकाशप्रदेश’ छे अने
आकाशप्रदेशनी व्याख्यामां परमाणुनी अपेक्षा आवे छे; तेथी क्षेत्रनुं माप पण परमाणु द्वारा थाय
छे. काळना मापनो एकम ‘समय’ छे अने समयनी व्याख्यामां परमाणुनी अपेक्षा आवे छे; तेथी
काळनुं माप पण परमाणु द्वारा थाय छे. ज्ञानभावना (
-ज्ञानपर्यायना) मापनो एकम ‘परमाणुमां परिणमता जघन्य वर्णादिभावने जाणे तेटलुं ज्ञान’ छे अने तेमां परमाणुनी अपेक्षा आवे छे;
तेथी भावनुं (
-ज्ञानभावनुं) माप पण परमाणु द्वारा थाय छे. आ प्रमाणे परमाणु द्रव्य, क्षेत्र, काळ ने भाव मापवामां गज समान छे].

२. एक परमाणुप्रदेश जेवडा आकाशना भागने (-क्षेत्रने) ‘आकाशप्रदेश’ कहेवामां आवे छे. आ ‘आकाशप्रदेश’ ते क्षेत्रनो ‘एकम’ छे. [गणतरी माटे, कोई वस्तुना जेटला परिमाणने ‘एक माप’ स्वीकारवामां आवे, तेटला परिमाणने ते वस्तुनो ‘एकम’ कहेवामां आवे छे.]