Panchastikay Sangrah-Gujarati (Devanagari transliteration).

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कहानजैनशास्त्रमाळा ]
षड्द्रव्य-पंचास्तिकायवर्णन
११

त्वाद्वयवस्थितत्वादवसेयम् अस्तित्वे नियतानामपि न तेषामन्यमयत्वम्, यतस्ते सर्व- दैवानन्यमया आत्मनिर्वृत्ताः अनन्यमयत्वेऽपि तेषामस्तित्वनियतत्वं नयप्रयोगात द्वौ हि नयौ भगवता प्रणीतौद्रव्यार्थिकः पर्यायार्थिकश्च तत्र न खल्वेकनयायत्ता देशना किन्तु तदुभयायत्ता ततः पर्यायार्थादेशादस्तित्वे स्वतः कथंचिद्भिन्नेऽपि व्यवस्थिताः द्रव्यार्थादेशात्स्वयमेव सन्तः सतोऽनन्यमया भवन्तीति कायत्वमपि तेषामणु- महत्त्वात अणवोऽत्र प्रदेशा मूर्ताऽमूर्ताश्च निर्विभागांशास्तैः महान्तोऽणुमहान्तः प्रदेशप्रचयात्मका इति सिद्धं तेषां कायत्वम् अणुभ्यां महान्त इति व्युत्पत्त्या


रहेलां) होवाथी तेमने सामान्यविशेष-अस्तित्व पण छे एम नक्की करवुं. तेओ अस्तित्वमां नियत होवा छतां (जेम वासणमां रहेलुं घी वासणथी अन्यमय छे तेम) अस्तित्वथी अन्यमय नथी; कारण के तेओ सदाय पोताथी निष्पन्न (अर्थात् पोताथी सत) होवाने लीधे (अस्तित्वथी) अनन्यमय छे (जेम अग्नि उष्णताथी अनन्यमय छे तेम). ‘अस्तित्वथी अनन्यमय’ होवा छतां तेमनुं ‘अस्तित्वमां नियतपणुं नयप्रयोगथी छे. बे नयो भगवाने कह्या छेद्रव्यार्थिक अने पर्यायार्थिक. त्यां कथन एक नयने आधीन होतुं नथी परंतु ते बन्ने नयोने आधीन होय छे. माटे तेओ पर्यायार्थिक कथनथी जे पोताथी कथंचित् भिन्न पण छे एवा अस्तित्वमां व्यवस्थित (निश्चित रहेलां) छे अने द्रव्यार्थिक कथनथी स्वयमेव सत् (-विद्यमान, हयात) होवाने लीधे अस्तित्वथी अनन्यमय छे.

तेमने कायपणुं पण छे कारण के तेओ अणुमहान छे. अहीं अणुओ एटले प्रदेशोमूर्त अने अमूर्त निर्विभाग (नानामां नाना) अंशो; ‘तेमना वडे (-बहु प्रदेशो वडे) महान होय’ ते अणुमहान; एटले के प्रदेशप्रचयात्मक (-प्रदेशोना समूहमय) होय ते अणुमहान. आ रीते तेमने (उपर्युक्त पांच द्रव्योने) कायत्व सिद्ध थयुं. (उपर जे अणुमहाननी व्युत्पत्ति करी तेमां अणुओने अर्थात् प्रदेशोने माटे बहुवचन वापर्युं छे अने संस्कृत भाषाना नियम प्रमाणे बहुवचनमां द्विवचन समातुं नथी तेथी हवे व्युत्पत्तिमां जरा भाषानो फेर करीने द्वि-अणुक स्कंधोने पण अणुमहान बतावीने तेमनुं कायत्व सिद्ध करवामां आवे छे) ‘बे अणुओ (-बे प्रदेशो) वडे महान होय’ ते अणुमहानएवी व्युत्पत्तिथी द्वि-अणुक पुद्गलस्कंधोने पण (अणु- महानपणुं होवाथी) कायत्व छे. (हवे परमाणुओने अणुमहानपणुं कई रीते छे ते बतावीने परमाणुओनुं पण कायत्व सिद्ध करवामां आवे छे) व्यक्ति अने शक्तिरूपे