Shri Digambar Jain Swadhyay Mandir Trust, Songadh - 364250
শ্রী দিগংবর জৈন স্বাধ্যাযমংদির ট্রস্ট, সোনগঢ - ৩৬৪২৫০
৪৮০ ]যোগীন্দুদেববিরচিত: [ অধিকার-২ : দোহা-১৬২
२९३) णास-विणिग्गउ सासडा अंबरि जेत्थु विलाइ ।
तुट्टइ मोहु तडत्ति तहिँ मणु अत्थवणहँ जाइ ।।१६२।।
नासाविनिर्गतः श्वासः अम्बरे यत्र विलीयते ।
त्रुटयति मोहः झटिति तत्र मनः अस्तं याति ।।१६२।।
णासविणिग्गउ इत्यादि । णास-विणिग्गउ नासिकाविनिर्गतः सासडा उच्छ्वासः अंबरि
मिथ्यात्वरागादिविकल्पजालरहिते शून्ये अम्बरशब्दवाच्ये जेत्थु यत्र तात्त्विकपरमानन्द-
भरितावस्थे निर्विकल्पसमाधौ विलाइ पूर्वोक्त : श्वासो विलयं गच्छति नासिकाद्वारं विहाय
तालुरन्ध्रेण गच्छतीत्यर्थः । तुट्टइ त्रुटयति नश्यति । कोऽसौ । मोहु मोहोदयेनोत्पन्नरागादि-
विकल्पजालः तडत्ति झटिति तहिं तत्र बहिर्बोधशून्ये निर्विकल्पसमाधौ मणु मनः
पूर्वोक्त रागादिविकल्पाधारभूतं तन्मयं वा अत्थवणहं जाइ अस्तं विनाशं गच्छति स्वस्वभावेन
ভাবার্থ : — নাকমাংথী নীকলেলো উচ্ছ্বাস, মিথ্যাত্ব রাগাদি বিকল্পজালথী রহিত
-শূন্য (খালী), ‘অংবর’ শব্দথী বাচ্য এবী, তাত্ত্বিক পরমানংদথী পরিপূর্ণ জে নির্বিকল্প
সমাধিমাং বিলয পামে ছে, অর্থাত্ নাসিকা দ্বার ছোডীনে তালবানা ছিদ্রথী (ব্রহ্মরংধ্রনা দশম
দ্বারথী) নীকলে ছে তে বাহ্য বোধথী শূন্য নির্বিকল্প সমাধিমাং মোহনা উদযথী উত্পন্ন রাগাদি
বিকল্পজাল শীঘ্র নাশ পামে ছে, পূর্বোক্ত রাগাদি বিকল্পোনা আধারভূত অথবা পূর্বোক্ত রাগাদি
বিকল্পোমাং তন্ময এবুং মন বিনাশ পামে ছে – স্ব-স্বভাবরূপে রহে ছে.
गाथा – १६२
अन्वयार्थ : — [नासाविनिर्गतः श्वासः ] नाकसे निकला जो श्वास वह [यत्र ] जिस
[अंबरे ] निर्विकल्पसमाधिमें [विलीयते ] मिल जावे, [तत्र ] उसी जगह [मोहः ] मोह
[झटिति ] शीघ्र [त्रुटयति ] नष्ट हो जाता है, [मनः ] और मन [अस्तं याति ] स्थिर हो जाता
है ।
भावार्थ : — नासिकासे निकले जो श्वासोच्छ्वास हैं, वे अम्बर अर्थात् आकाशके
समान निर्मल मिथ्यात्व-विकल्प-जाल रहित शुद्ध भावोंमें विलीन हो जाते हैं, अर्थात्
तत्त्वस्वरूप परमानंदकर पूर्ण निर्विकल्पसमाधिमें स्थिर चित्त हो जाता है, तब श्वासोच्छ्वासरूप
पवन रुक जाती है, नासिकाके द्वारको छोड़कर तालुवा रंध्ररूपी दशवें द्वारमें होके निकले, तब
मोह टूटता है, उसी समय मोहके उदयकर उत्पन्न हुए रागादि विकल्प-जाल नाश हो जाते हैं,
बाह्य ज्ञानसे शून्य निर्विकल्पसमाधिमें विकल्पोंका आधरभूत जो मन वह अस्त हो जाता है,