Parmatma Prakash (Gujarati Hindi) (English transliteration). Gatha: 31 (Adhikar 1) Shuddhatmanu Mukhya Lakshan.

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पुद्गलादिपञ्चद्रव्यरूपमजीवसंबन्धमजीवलक्षणम् अत एव भिन्नं जीवादजीवलक्षणम् ततः
कारणात् यत्परं रागादिकं तत्परं जानीहि कथंभूतम् भेद्यमभेद्यमित्यर्थः अत्र योऽसौ
शुद्धलक्षणसंयुक्तः शुद्धात्मा स एवोपादेय इति भावार्थः ।।३०।।
अथ तस्य शुद्धात्मनो ज्ञानमयादिलक्षणं विशेषेण कथयति
३१) अमणु अणिंदिउ णाणमउ मुत्ति-विरहिउ चिमित्तु
अप्पा इंदिय-विसउ णवि लक्खणु एहु णिरुत्तु ।।३१।।
अमनाः अनिन्द्रियो ज्ञानमयः मूर्तिविरहितश्चिन्मात्रः
आत्मा इन्द्रियविषयो नैव लक्षणमेतन्निरुक्तम् ।।३१।।
आकारोंसे रहित है, ऐसा जो चिद्रूप निज वस्तु है, उसे तूँ पहचान आत्मासे भिन्न जो अजीव
पदार्थ है, उसके लक्षण दो तरहसे हैं, एक जीव सम्बन्धी, दूसरा अजीव संबंधी जो द्रव्यकर्म
भावकर्म नोकर्मरूप है, वह तो जीवसंबंधी है, और पुद्गलादि पाँच द्रव्यरूप अजीव जीव-
संबंधी नहीं हैं, अजीवसंबंधी ही हैं, इसलिये अजीव हैं, जीवसे भिन्न हैं
इस कारण जीवसे
भिन्न अजीवरूप जो पदार्थ हैं, उनको अपने मत समझो यद्यपि रागादिक विभाव परिणाम
जीवमें ही उपजते हैं, इससे जीवके कहे जाते हैं, परंतु वे कर्मजनित हैं, परपदार्थ (कर्म) के
संबंधसे हैं, इसलिये पर ही समझो
यहाँपर जीव-अजीव दो पदार्थ कहे गये हैं, उनमेंसे शुद्ध
चेतना लक्षणका धारण करनेवाला शुद्धात्मा ही ध्यान करने योग्य है, यह सारांश हुआ ।।३०।।
आगे शुद्धात्माके ज्ञानादिक लक्षणोंसे विशेषपनेसे कहते हैं
गाथा३१
अन्वयार्थ :[आत्मा ] यह शुद्ध आत्मा [अमनाः ] परमात्मासे विपरीत
विकल्पजालमयी मनसे रहित है [अनिन्द्रियः ] शुद्धात्मासे भिन्न इन्द्रिय-समूहसे रहित है
[ज्ञानमयः ] लोक और अलोकके प्रकाशनेवाले केवलज्ञानस्वरूप है, [मूर्तिविरहितः ]
अमूर्तीक आत्मासे विपरीत स्पर्श, रस, गंध, वर्णवाली मूर्तिरहित है, [चिन्मात्रः ] अन्य द्रव्योंमें
नहीं पाई जावे, ऐसी शुद्धचेतनास्वरूप ही है, और [इन्द्रियविषयः नैव ] इन्द्रियोंके गोचर नहीं
है, वीतराग स्वसंवेदनसे ही ग्रहण किया जाता है
[एतत् लक्षणं ] ये लक्षण जिसके
[निरुक्त म् ] प्रगट कहे गये हैं उसको ही तू निःसंदेह आत्मा जान इस जगह जिसके ये लक्षण
ahIn je shuddhalakShaNayukta shuddha AtmA chhe te ja upAdey chhe evo bhAvArtha chhe. 30.
have te shuddhAtmAnA gnAnAdi lakShaNone visheShapaNe kahe chhe
60 ]
yogIndudevavirachita
[ adhikAr-1 dohA-31