त्यारे तुरत ज शिष्यने परमार्थ वस्तु आत्मा उपर द्रष्टि जतां अतीन्द्रिय आनंद प्रगट थाय छे. एना हृदयमां सुंदर बोधतरंगो ऊछळे छे. आत्मा ज्ञानानंदनो दरियो छे. तेमां द्रष्टि थतां अंतरमां आनंद सहित ज्ञानतरंगो ऊछळे छे. जुओ, धर्म रोकडियो छे. ज्यां सम्यग्दर्शन थाय के तरत ज अतीन्द्रिय आनंदनो स्वाद आवे छे. त्यारे ते ‘आत्मा’ शब्दनो अर्थ बराबर समजी जाय छे.
अहा! विदेहक्षेत्रमां भगवान सीमंधरनाथ बिराजे छे. तेमनी वाणी अत्यारे पण नीकळे छे. त्यां श्री कुंदकुंदाचार्य सदेहे गया हता. त्यां जईने आव्या अने भगवाननो दिव्य संदेशो पात्र जीवो माटे लाव्या. कहे छे के गुणना भेद वस्तुमां नथी. छतां परमार्थने समजाववा माटे भेद पाडीने कह्युं के-देखे ते आत्मा, जाणे ते आत्मा, अंतरमां स्थिर थाय ते आत्मा. आम सांभळतां ज पात्र जीवने एकरूप वस्तु जे अभेद चैतन्य तेना उपर द्रष्टि जतां सम्यग्दर्शन थाय छे. साथे अतीन्द्रिय आनंदनो स्वाद आवे छे. अनादिनो पुण्य-पापना विकारीभावनो आकुळतारूप स्वाद हतो, ते हवे सम्यग्दर्शन थतां अतीन्द्रिय आनंदनुं वेदन थाय छे. कर्मचेतनानो स्वाद मटी, ज्ञानचेतनानो निराकुळ सुखनो स्वाद आवे छे.
अहाहा...! सम्यग्दर्शन कोई अपूर्व वस्तु छे. एक सेकंड आवुं सम्यग्दर्शन थाय त्यां द्रष्टि अपेक्षाए मोक्ष थई गयो. आत्मा पोते मोक्षस्वरूप परमात्मस्वरूप बिराजे छे. एनी द्रष्टि अने अनुभव थतां पर्यायमां परमात्मपद प्रगट थाय छे. देव-गुरु- शास्त्रने माने, नव तत्त्वना भेद जाणे ए कांई सम्यग्दर्शन नथी. सम्यग्दर्शन तो आत्मानी प्रतीतिरूप छे, सूक्ष्म पर्याय छे. आनंदना स्वाद उपरथी ज्ञानीने तेनो ख्याल आवे छे. पहेलुं सम्यग्दर्शन थाय, पछी स्वरूपमां विशेष एकाग्र थई स्थिर थाय ते सम्यक्चारित्र छे. सम्यग्दर्शन विनानां व्रत, तप, चारित्र ए बधां एकडा विनानां मींडां छे.
सम्यग्दर्शन थतां अनुभव थाय तेनी महोर-छाप शुं? तो कहे छे आनंदनो स्वाद आवे ते सम्यग्दर्शननी महोर-छाप छे. परथी लक्ष हठावी, दया, दानना जे विकल्प राग छे त्यांथी लक्ष हठावी, दर्शन-गुण-चारित्रना गुणभेदनुं लक्ष छोडी ज्यां अभेदस्वभावमां लक्ष जाय त्यां अनुभव प्रगट थाय छे, तेनुं नाम सम्यग्दर्शन छे. ए सम्यग्दर्शन थतां सुंदर आनंद सहित ज्ञानतरंगो ऊछळे छे. त्यारे ‘आत्मा’ एनो यथार्थ अर्थ सुंदर रीते समजाय छे.
भाई! आ इन्द्रियोना विषयोनां सुख ए तो झेरना स्वाद छे. अमे करोडपति, अबजोपति अने पैसा अमारा छे एम जे ममता करे छे ते झेरना प्याला पीए छे. स्त्रीना