गुण-पर्यायोने जाणवानो आत्मानो स्वभाव छे. परंतु अज्ञानी माने छे के अनेक प्रकारना ज्ञेयाकारोथी मारी ज्ञानशक्ति खंडित-छिन्नभिन्न थई गई, मारामां एकपणुं ना रह्युं. खरेखर तो वस्तु जे एकस्वरूप छे ते ज अनेकस्वरूप छे. पर्यायमां अनेकपणुं होवा छतां द्रव्यना एकपणाने कांई आंच आवी नथी. परंतु एकान्ते एकपणुं ईच्छनारने आ विभ्रम थई गयो छे के हुं अनेक थई गयो; अरे! आ अनेकपणुं क्यांथी? ज्ञानमां अनेकपणुं जणाय ए हुं नहि, ए मारी चीज नहि. एम अनेकपणाथी पोतानी ज्ञानशक्ति खंडखंडरूप थई जती मानीने, समस्तपणे तूटी जतो थको, अर्थात् एकपणुं तो प्राप्त थयुं नहि अने अनेकने जाणवानुं परिणमन जोई पोते खंडखंड थई गयो एम मानतो थको, अनेकपणानो इन्कार करी पोतानी सत्तानो नाश करे छे; अर्थात् मिथ्यात्वभावे परिणमे छे.
अहा! द्रष्टिना विषयभूत एवो जे एकरूप स्वभाव-तेनी प्राप्ति-तेनो आश्रय तो पर्यायमां होय छे. हवे जे वस्तुना पर्यायने ने पर्यायना स्वभावने ज एकांते स्वीकारतो नथी एने यथार्थ द्रष्टि-सम्यक् द्रष्टि केम होय? होती नथी. वस्तु तो बापु! द्रव्यपर्यायरूप छे, द्रव्यपणे पण छे ने पर्यायपणे पण छे. द्रव्यपणे जे एक छे, ते ज पर्यायथी अनेक छे. एकांते द्रव्यरूप-एकरूप ज वस्तु छे एम नथी. परंतु एकांतवादी एकान्ते एकपणुं गोतीने पर्यायने छोडी दे छे, ने ए रीते ते पोताना सत्त्वनो ज नाश करे छे. समजाणुं कांई....?
हवे कहे छे- ‘अनेकान्तवित्’ अने अनेकान्तनो जाणनार तो, ‘सदा अपि उदितया एक–द्रव्यतया’ सदाय उदित (-प्रकाशमान) एक द्रव्यपणाने लीधे ‘भेदभ्रमं ध्वंसयन्’ भेदना भ्रमने नष्ट करतो थको (अर्थात् ज्ञेयोना भेदे ज्ञानमां सर्वथा भेद पडी जाय छे एवा भ्रमनो नाश करतो थको) ‘एकम् अबाधित–अनुभवनं ज्ञानं’ जे एक छे (-सर्वथा अनेक नथी.) अने जेनुं अनुभवन निर्बाध छे एवा ज्ञानने ‘पश्यति’ देखे छे-अनुभवे छे.
शुं कीधुं? वस्तुना अनंत धर्मोने यथावत् जाणनार स्याद्वादी सम्यग्द्रष्टि तो, पर्यायमां अनेकने जाणवापणुं भले हो, हुं तो नित्य उदयमान अखंड एकद्रव्यपणाने लीधे एक छुं. पर्यायमां अनेकने जाणवापणुं छे एय मारो स्वभाव छे. पण तेथी सदाय प्रकाशमान एकरूप द्रव्यस्वभावने शुं छे? ए तो एक अखंडित ज छे. अहा! आम ज्ञेयोना भेदोथी ज्ञानमां-वस्तुमां भेद-खंड पडी गयो एवा भ्रमनो नाश करतो थको, अनेकपणाने गौण करतो, ते निर्बाधपणे एक ज्ञानस्वरूपने देखे छे- अनुभवे छे. ल्यो, आनुं नाम धर्म छे. आ सिवाय बधुं थोथे-थोथां छे. समजाणुं कांई......?