Pravachan Ratnakar-Gujarati (Devanagari transliteration).

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गाथा ३प ] [ १७७

जेम नाळियेरमां उपरनां छालां तेम ज काचली छे ते नाळियेर नथी. तथा ते काचली तरफनी लाल छाल छे ते पण नाळियेर नथी. अंदर धोळो अने मीठो गोळो छे ते नाळियेर छे. तेम आ शरीर छे ते उपरनां छालां छे, अंदर जे कर्म छे ते काचली छे तथा जे दया, दान, भक्ति, काम, क्रोध आदि पुण्य-पापना जे भाव छे ते लाल छाल छे. अने अंदर आनंदनो शुद्ध गोळो छे ए भगवान आत्मा छे. जेम धोळो अने मीठो गोळो ते नाळियेर छे एम ज्ञानानंद शुद्ध गोळो ए आत्मा छे. आम सर्व भिन्न भिन्न छे. आवो संतोनो उपदेश छे. जन्म-मरण रहित थवानी चीज तो जगतथी जुदी छे. भाई! तुं जन्म-मरण करीने अनादिथी दुःखी थई रह्यो छे छतां तने थाक नथी लाग्यो? श्रीमद् राजचंद्रे कह्युं छे केः-

‘अनंतकाळथी आथडयो विना भान भगवान;
सेव्या नहि गुरु संतने मूकयां नहि अभिमान.’

आत्मा ज्ञानरस-चैतन्यरसथी परिपूर्ण भरेलुं तत्त्व छे. ते सत् छे, अने ज्ञान आनंद तेनुं सत्त्व छे. दया, दान, व्रत, भक्ति आदि शुभभाव के हिंसा, जूठ, चोरी, विषयवासना आदि अशुभभाव जे थाय छे ते विकार छे. ते आत्मानुं सत्त्व नथी. आत्मा अने राग भिन्नभिन्न सत्त्व छे. बल्के राग तो बेडी समान छे. अशुभ राग लोढानी बेडी छे तो शुभराग सोनानी; पण छे तो बन्नेय बेडी. शुभराग पण बेडी छे, भलो नथी. प्रभु! तारी प्रभुताने तो एकवार जाण. जाणवुं-देखवुं अने आनंद ए तारी प्रभुता छे. ए तारा तत्त्वनुं सत्त्व छे. आत्मा अनादि-अनंत वस्तु छे. जे वस्तु छे ते उत्पन्न थती नथी तेम ज एनो नाश पण थतो नथी. छतां अज्ञानी अनादिथी शुं करी रह्यो छे? प्रतिसमय नवा नवा थता पुण्य-पापना भावने पोताना मानी सूतो छे. तेने श्रीगुरु कहे छे के-प्रभु! तारी भूल थाय छे. जे चीज क्षणिक छे अने जे चीज तारामां नथी तेने पोतानी मानीने सूतो छे ए मोटी भूल छे.

श्रीमद् राजचंद्र एकवार कहेता हता के आत्माना गुणोनो जेम पार नथी तेम एना अपलक्षणोनो पण पार नथी. पोतानी जातने न जाणवी अने राग तथा पुण्य- पापने पोताना मानवा ए अपलक्षण छे. ज्ञान निज लक्षण छे. तेने ठेकाणे रागने पोतानुं स्वरूप मानवुं ते अपलक्षण छे. भाई! मार्ग तो आवो छे, बापु. भले तने न बेसे, पण तारी चीज आवी छे, नाथ! केटलाक कहे छे के संस्कार सुधारो. पण ए तो कोलसाने सुधारवा जेवुं छे. कोलसाने सुधारतां काळप नीकळशे. परंतु जो धोळाश जोईती होय तो तेने बाळवो पडशे. तेम जो सुधारो करवो होय तो पुण्य-पापना भाव मारा नथी एम जाणी बाळी नाख. नहीं तो सुधारो थशे नहि. भगवान! मोक्षनो मार्ग कोई अलौकिक चीज छे.