Pravachan Ratnakar-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भाग-१ ] ६प

होवा छतां गुण गुणपणे त्रिकाळ कायम रहे छे तेथी ते अविरुद्ध छे. आवुं विरुद्ध- अविरुद्ध वस्तुनुं स्वरूप ज छे.

आत्मामां विरुद्धधर्मत्व नामनी एक शक्ति छे. आ त्रिकाळ शक्तिनी वात छे जे वडे आत्मामां तद्रूपमयपणुं अने अतद्रूपमयपणुं होय छे. एटले के आत्मा स्वपणाने छोडे नहीं अने परपणाने ग्रहे नहीं एवी शक्ति छे. पण अहीं ते वात नथी.

अहीं तो एक समयमां पर्यायमां जे उत्पाद-व्यय छे ते परस्पर विरुद्धभाव छे एम कह्युं छे. अने गुण कायम रहे ते अविरुद्धभाव छे. आम विरुद्ध अने अविरुद्ध कार्य एटले अनंत द्रव्योना उत्पाद-व्ययरूप विरुद्धभाव अने गुणरूप अविरुद्धभाव; ए बन्नेना हेतुपणाथी तेओ हंमेशा विश्वने उपकार करे छे. एटले के द्रव्यना गुणपर्यायरूप स्वरूपवडे विश्वना समस्त पदार्थो जेम छे तेम टकी रहे छे. अहा! विश्वमां अनादिथी दरेक वस्तु एम ने एम टकी रही छे. ‘उत्पादव्ययध्रुवयुक्तं सत्’ ते सत् अनादिथी एम ने एम टकी रह्युं छे. (उत्पादव्ययरूप पर्यायथी समये समये बदलता समस्त पदार्थो पोताना स्वरूपे टकी रह्या छे).

आ प्रमाणे सर्व पदार्थोनुं भिन्न भिन्न एकपणुं सिद्ध थवाथी जीव नामना समयने बंधनी कथाथी विसंवादनी आपत्ति आवे छे. हवे अहीं जीवनी विशेष वात करे छे. जीव नामना समयने कर्मना निमित्तथी विभावभावरूप बंधभावथी विसंवाद खडो थाय छे, आपत्ति आवी पडे छे. एकडे एक अने बगडे बे. बे थया एटले बगडयुं. बे थया त्यां बंध थयो. एक स्वभावभाव अने एक विभावभाव एम बे थया ए बंधकथाथी-बंधभावथी विसंवादनी आपत्ति आवे छे. बंध जेनुं मूळ छे एवुं जे पुद्गलकर्मना प्रदेशोमां स्थित थवुं एटले के विभाव-रागद्वेष-तेमां स्थित थवुं ते परसमयपणुं छे. एक समयमां आत्मामां विभावनुं उत्पन्न थवुं ते परसमयपणुं छे. ज्ञानस्वरूपी भगवान आत्माने स्वभावथी विरुद्ध रागनुं उत्पन्न थवुं ते द्विविधपणुं छे. आनंदस्वरूप भगवान आत्मा विभावमां आवी पडे ते दुःखरूप छे, तेथी ते सुंदर नथी. शोभास्पद नथी.

भगवाने आ जगतमां छ द्रव्यो जोयां छे. ते छये द्रव्यो पोतपोतामां छे; पण जीव नामना समयने बंधकथाथी ज एटले के कर्मना -निमित्तना संबंधना भावथी ज अर्थात् दुःखरूप भावथी होवाथी विसंवाद आवे छे, एटले के असत्यपणुं ऊभुं थाय छे.

आत्मा ज्ञानानंद स्वरूप समय छे. तेने कर्मना निमित्तना संबंधनी अपेक्षा आवतां परिणमनमां विकार उत्पन्न थाय छे- ए ज विसंवाद छे अने दुःख उत्पन्न करनार छे.