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समयसार
[ भगवानश्रीकुन्दकुन्द-
यदहमचीकरं मनसा च कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ३६ । यत्कुर्वन्त-
मप्यन्यं समन्वज्ञासिषं मनसा च कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ३७ । यदहमकार्षं
वाचा च कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ३८ । यदहमचीकरं वाचा च
कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ३९ । यत्कुर्वन्तमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं वाचा
च कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४० । यदहमकार्षं मनसा च, तन्मिथ्या
मे दुष्कृतमिति ४१ । यदहमचीकरं मनसा च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४२ ।
यत्कुर्वन्तमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं मनसा च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४३ ।
यदहमकार्षं वाचा च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४४ । यदहमचीकरं वाचा च,
तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४५ । यत्कुर्वन्तमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं वाचा च, तन्मिथ्या
मे दुष्कृतमिति ४६ । यदहमकार्षं कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४७ ।
यदहमचीकरं कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४८ । यत्कुर्वन्तमप्यन्यं समन्वज्ञासिषं
कायेन च, तन्मिथ्या मे दुष्कृतमिति ४९ ।
जो मैंने (पूर्वमें) कराया मनसे तथा कायासे, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो।३६। जो मैंने
(पूर्वमें) अन्य करते हुएका अनुमोदन किया मनसे तथा कायासे, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या
हो।३७। जो मैंने (पूर्वमें) किया वचनसे तथा कायासे, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो।३८।
जो मैंने (पूर्वमें) कराया वचनसे तथा कायासे, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो।३९। जो मैंने
(पूर्वमें) अन्य करते हुएका अनुमोदन किया वचनसे तथा कायासे, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या
हो।४०।
जो मैंने (अतीत कालमें) किया मनसे, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो।४१। जो मैंने
(पूर्वमें) कराया मनसे, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो।४२। जो मैंने (पूर्वमें) अन्य करते हुएका
अनुमोदन किया मनसे, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो।४३। जो मैंने (पूर्वमें) किया वचनसे,
वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो।४४। जो मैंने (पूर्वमें) कराया वचनसे, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या
हो।४५। जो मैंने (पूर्वमें) अन्य करते हुएका अनुमोदन किया वचनसे, वह मेरा दुष्कृत
मिथ्या हो।४६। जो मैंने (पूर्वमें) किया कायासे, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो।४७। जो मैंने
(पूर्वमें) कराया कायासे, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो।४८। जो मैंने (पूर्वमें) अन्य करते
हुएका अनुमोदन किया कायासे, वह मेरा दुष्कृत मिथ्या हो।४९।
(इन ४९ भंगोंके भीतर, पहले भंगमें कृत, कारित, अनुमोदना – ये तीन लिये हैं और उन