Samaysar Kalash Tika-Gujarati (Devanagari transliteration). PrakAshkiy Nivedan.

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( ६ )

अजित मुद्रणालयना मालिक श्री मगनलालजी जैने कुशळतापूर्वक आ ग्रंथनी सुंदर छपाई आदि कार्य करी आप्युं छे ते बदल तेमनो आभार मानीए छीए.

आ समयसार-कळशोमां भरेल ज्ञानामृतनुं पान करीने भव्य जीवो अमृतसंजीवनीनी प्राप्ति करो एवी भावना.

साहित्यप्रकाशनसमिति,

सोनगढ फागण वद दशम, वि. सं. २०२३

श्री दि. जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट,
सोनगढ
प्रकाशकीय निवेदन
(चोथी आवृत्ति प्रसंगे)

‘समयसार-कलश’नी आ गुजराती चोथी आवृत्ति अगाउनी त्रीजी आवृत्ति प्रमाणे ज छपावी छे. मुद्रणकार्य ‘कहान मुद्रणालय’ना मालिक श्री ज्ञानचंदजी जैने अल्प समयमां काळजीपूर्वक सारुं करी आप्युं छे, ते बदल ट्रस्ट तेमनो आभार माने छे.

आ ग्रंथना अध्ययन वडे मुमुक्षुओ आत्मलक्षी तत्त्वज्ञान प्राप्त करी आत्मार्थने विशेष पुष्ट करे ए ज भावना.

साहित्यप्रकाशनसमिति,

वि. सं. २०६१, फागण वद-१०, पू. बेनश्री चंपाबेन ७३मी सम्यक्त्वजयंती, ता. ४-४-२००५

श्री दि. जैन स्वाध्यायमंदिर ट्रस्ट,
सोनगढ- (सौराष्ट्र)