Sattasvarup-Gujarati (Devanagari transliteration).

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८ ]
[ सत्तास्वरूप
मोक्ष, जीव, पुद्गल, धर्म, अधर्म, आकाश, काळ,
वस्तु, द्रव्य, गुण, पर्याय, १०द्रव्यपर्याय, ११अर्थपर्याय,
१. जीव = जेमां ज्ञानादि गुणो रहेलां छे एवी हयाति धरावनारी,
वास्तविक आकारवाळी वस्तु.
२. पुद्गल = जेमां वर्ण, गंध, रस, स्पर्शादि गुणो रहेलां छे एवुं
अजीव द्रव्य.
३. धर्म = गति करतां जीव अने पुद्गलने गमन करवामां जे वस्तु
उदासीन निमित्त थाय छे, तेने धर्म द्रव्य कहे छे.
४. अधर्म = गति करीने स्थिर थतां जीव अने पुद्गलने स्थिर थवामां
जे वस्तु उदासीन निमित्त थाय छे, तेने अधर्म द्रव्य कहे छे.
५. आकाश = जे वस्तु जीव वगेरे पांचे द्रव्यने रहेवाने माटे जग्या
आपे तेने आकाश द्रव्य कहे छे.
६. काळ = जीवादि द्रव्योना परिणमनमां जे वस्तु उदासीन निमित्त
थाय तेने काळ द्रव्य कहे छे.
७. द्रव्य = गुणोना समूहने द्रव्य कहे छे. (द्रव्य = पदार्थ, वस्तु,
चीज)
८. गुण = वस्तुना पूरा भागमां अने तेनी बधी हालतोमां जे रहे
तेने गुण कहे छे.
९. पर्याय = वस्तुनी एक समयनी हालतने पर्याय कहे छे. (पर्याय
= अवस्था, हालत, वस्तुनी वर्तमान वर्तती दशा).
१०. द्रव्यपर्याय = प्रदेशोनी संख्यानुं माप.
११. अर्थपर्याय = प्रदेशत्व गुण सिवायना अन्य समस्त गुणोना
परिणमनने अर्थपर्याय कहे छे.