Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भजनमाळा ][ ९१
इस विध संकटके अवसर पर जिसने तुमको ध्याया था,
दुःख मिटा सुखवृद्धि कीनी भवसे पार लगाया था;
मेरा भी दुःख दूर करो प्रभु आया शरण तुम्हारी...तुम बिन.
श्री जिनेन्द्र स्तवन
हो मोरे स्वामी हो हियामें समाये मनको लुभाये...
आंखे हैं दर्शनकी प्यासी, कबसे है देखो यह उदासी
सांच कहु ओ...तुम बिन पाये कल नहीं आये....१
आवोजी मेरी विनति सुन लो, अपनी सेवामें मुझे चुन लो
सब जग हो तेरा गुण गाये शीश झूकाये....२
मेरे तो तुमही हो सहाई, ‘पंकज’ने महिमा तोरी गाई
कोई मुझे हो तुमसे मिलाये दिन आये....३
श्री सीमंधार जिन स्तवन
मेरे प्रभु के बिन देखें नहीं चैन आये...
जीवनमें आवो प्रभु हमारा, तुमका ही है एक सहारा....
आवोजी...दर्शन बिना तरसें नैना, नहीं चैन आये....१
दर्श दिलाके सबको जगाने, मुक्ति का मारग बताने
आवोजी....दर्शन बिना तरसे नैना, नहीं चैन आये...२