भजनमाळा ][ ९७
भ्रम उपाधि हर शम समाधि कर
‘दौल’ भये तुमरे अब चेरे...जगदा० ७
✽
श्री महावीर – भजन
जय जय जय सब मिलकर बोलो.....महावीर भगवान की....४
सिद्धारथ कुल के ऊजियारे,
त्रिशला की आंखों के तारे,
विश्व प्राणियों के हित वारे, वर्द्धमान भगवान की....४....जय०
भारत के अंतिम अवतारी,
दोष रहित गुण के भंडारी,
सकल ज्ञेय के शुभ ज्ञातारी, श्री सन्मति भगवान की....४..जय०
पंद्रहमास रतन की वरसा,
जन्मपूर्व कर हरि अति हर्षा,
अतुल आंतरिक भक्ति दर्शा, कीनी स्तुति भगवान की...४..जय०
वस्तु धर्म जिनने बतलाया,
जनता का अज्ञान भगाया,
अनेकांत का पाठ पढाया, ऐसे श्री भगवान की....४....जय०
आज यही पावन तिथि आई,
जब जन्मे महावीर शिवदाई,
हर्षित हो सौभाग्य सु गाई, गुण गाथा भगवान की..४...जय०
✽