भजनमाळा ][ १०३
शाश्वत जिनजी का पूजन करो,
परमात्म स्वरूपका ध्यान धरो,
प्रतिबिंब स्वरूप जिनबिंबि जगतमें प्यारा......जी. २
अरहंतसम मुद्रा जिसकी है,
मानुं दिव्यध्वनि अभी छूटती है,
ऐसे छप्पन सों सोळ रतनमय सारा....जी
दर्शन करनेको तलसे हृदय हमारा....जी.
करीए जिनमंदिर पूजन आज तमारा......जी. ३
मैं बहुत दिनों से तरसा था,
पर चैन कहीं नहीं पडता था,
अब मिले मुक्ति दातारा....जिनवर प्यारा....जी.
अब मिले मुक्ति दातारा....गुरुवर प्यारा......जी. ४
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श्री महावीर – भजन
प्रभु वीर की हम भक्ति मचाएं, सुसंदेश उनका जगतको सुनाएं
प्रभु वीर का हम पै उपकार भरी, है उपकार भारी,
गद्गद होकर के उस को संभालें.....१
आतम की निधि बताई प्रभुने, बताई प्रभुने,
आज भक्त सारे हैं दे ते दूआएं....२
सभी आत्माओं को समझो बराबर, समझो बराबर,
यही पाठ समता सभी को पढाएं....३