Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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१०६ ][ श्री जिनेन्द्र
निज शीश कटा कर के, निकलंक देवजी ने,
जिन धर्म का बजवाया, दुनिया में नगारा है.
‘शिवराम’ धरम पे तुम, सर्वस्व लगा देना,
जिन धर्म हमारा ये, आंखो का सितारा है.
श्री महावीर स्वामीभजन
किए जा किए जा, किए जा भगवान की अरचा
न्हवन की चरचा वीर की अरचा किए जा....(टेक)
सु तेरस चैतकी आई अजब बहार है छाई,
श्री महावीर स्वामी का जनम दिन है मनाने का...१
करो तुम याद वह शुभ दिन, लिया अवतार अन्तिम जिन,
सुमेरु पर ले जानेका न्हवन जिनवर कराने का....२
प्रभुने राज्य को छोडा, जगत जंजाल को तोडा,
ज्ञान पाकर हमें रस्ता बताया मोक्ष जाने का...३
प्रभु चरणों में शिर नावो, सदा शिवराम गुण गावो,
हमें शिव राह दिखलाया परम सुख शांति पाने का....४
श्री जिनेन्द्रभजन
(तर्ज कव्वाली)
मेरे भगवान मेरी यही आस है,
पार कर दोगे बेडा यह विश्वास है (टेक)