१०८ ][ श्री जिनेन्द्र
श्री महावीर भजन
महावीर दयाके सागर तुम को लाखों प्रणाम,
श्री प्रियकारिणी – नंद तुमको लाखों प्रणाम.
पार करो दुःखियों की नैया,
तुम बिन जगमें कौन खिवैया
मात पिता न कोई भैया
भक्तों के रखवाले तुम को लाखों प्रणाम....महा. १
जब ही तुम भारत में आये,
सबको आ उपदेश सुनाये
जीवों को भव तीर लगाये
बंध छुडाने वाले तुम को लाखों प्रणाम....महा. २
भव्य – हृदय अज्ञान हटाया
सम्यक् ज्ञान – चरण प्रगटाया
सब जीवों में धर्म बढाया
धर्म वीर जिनदेवा तुम को लाखों प्रणाम....महा. ३
समवसरणमें जो कोई आया
उनका स्वामी परण निभाया
भव सागर से पार लगाया
भारत के ऊजियारे तुम को लाखों प्रणाम....महा. ४
तुम दर्शनकी भारी प्यासा
रहे सदा मिलनकी आशा