Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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१०८ ][ श्री जिनेन्द्र
श्री महावीर भजन
महावीर दयाके सागर तुम को लाखों प्रणाम,
श्री प्रियकारिणी
नंद तुमको लाखों प्रणाम.
पार करो दुःखियों की नैया,
तुम बिन जगमें कौन खिवैया
मात पिता न कोई भैया
भक्तों के रखवाले तुम को लाखों प्रणाम....महा.
जब ही तुम भारत में आये,
सबको आ उपदेश सुनाये
जीवों को भव तीर लगाये
बंध छुडाने वाले तुम को लाखों प्रणाम....महा.
भव्यहृदय अज्ञान हटाया
सम्यक् ज्ञानचरण प्रगटाया
सब जीवों में धर्म बढाया
धर्म वीर जिनदेवा तुम को लाखों प्रणाम....महा.
समवसरणमें जो कोई आया
उनका स्वामी परण निभाया
भव सागर से पार लगाया
भारत के ऊजियारे तुम को लाखों प्रणाम....महा.
तुम दर्शनकी भारी प्यासा
रहे सदा मिलनकी आशा