Shri Jinendra Bhajan Mala-Gujarati (Devanagari transliteration).

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भजनमाळा ][ १०९
तेरा तो सिद्धालय वासा
संतहृदय बिराजित तुमको लाखों प्रणाम....
गुरुहृदय बिराजित तुमको लाखों प्रणाम....महा.
श्री जिनेन्द्र स्तवन
(छोड गये....)
पार करो स्वामी मुझे भवसागर से पार करो,
हाथ ग्रहो स्वामी मेरे दया कर के हाथ ग्रहो;
पतित उद्धारक सब जग माने दीनानाथ वखाने
केवलज्ञानमयी अगनी से अष्ट कर्म तुम जारे....१
वीतराग छबी तुमरी सोहे जग जीवन मन मोहे,
बने हमारी सत्पथ दर्शक भ्रम तम अघ सब खोवे...२
ज्ञान उजागर तुम गुणसागर मैं अल्पज्ञ क्या जानूं,
धर्म ‘दीप’ पाउं वह शक्ति मुक्तिपुरी में आवू....३
श्री जिनेन्द्र भजन
खडे हम आकर तेरे द्वार, सुना तुम हो जग तारण हार,
अब तारो ध्यान धारो हमारी अरजी.