भजनमाळा ][ १११
श्री महावीर भजन
(तुमको लाखों प्रणाम...)
सब जगसें वीर निराले तुम को लाखों प्रणाम....तुमको....
त्रिशला की आंखों के तारे कुंडलपुर के हो उजियारे,
जगजीवन के हो हितकारे, तुम हो मुक्तिवाले....तुमको....१
सबको धर्मामृत पिलवाया, शिवमारग तुमने दिखलाया,
जगको हित अपना बतलाया, तुम हो स्वामी हमारे..तुमको...२
श्वान भेक सबही को तारे, जो फिरते थे मारे मारे,
कर दो मेरी नांव किनारे, तुम हो तारन वाले....तुमको....३
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जिनेन्द्र दर्शन – स्तुति
हम तो दर्शन को जायेंगे झूम झूम कर!
भक्ति करेंगे घूमघूम कर..... १
देखो कैसी मनोहर है प्रतिमा प्रभु
गुण गायेंगे आयेंगे घूमघूम कर. २
वीतरागी झलक कैसी आभा अहा!
हम तो देखेंगे हर्षित हो झूमझूम कर. ३
काट कुमरेश अपने करम दर्श कर
हम तो चरणोंको आयेंगे चूमचूम कर. ४
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